अयोध्या. शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद बुधवार को अयोध्या पहुंचे. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ट्रस्ट पर लगे घोटाले के आरोप की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. जब तक जांच होती है तब तक केंद्र सरकार रिसीवर नियुक्त करे या फिर ट्रस्ट के अध्यक्ष को अधिकार दे. इसके साथ ही घोटाले के आरोपी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र को पद से हटाया जाए.
रामालय ट्रस्ट के ट्रस्टी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए कई वर्षों से हमारे पूर्वज संघर्ष करते रहे हैं. सबकी इच्छा थी कि रामजन्मभूमि मुक्त हो, भव्य मंदिर बने यह कार्य शुरू भी हुआ तो बीच में राजनीतिक लोग आ गए हैं. यह ठीक नहीं है, हम लोग चाहते थे कि धर्म का कार्य है इसे धर्माचार्य ही करें. जिन संतों ने राममंदिर की लड़ाई लड़ी, उन्हें ट्रस्ट में शामिल नहीं किया गया, भूमिपूजन में भी आमंत्रित नहीं किया गया. उस पर भी हम लोगों ने संतोष किया कि कुछ कार्य आगे बढ़े. लेकिन अब मंदिर बनाने के लिए भक्तों से जो पैसा लिया गया है उससे भ्रष्टाचार किया जा रहा है.
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अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जिनको ट्रस्ट में जगह दी गई, उनका कोई हक नहीं बनता था. मंदिरों को तोड़ने व खरीदने की जगह रामनगरी के मंदिरों का ट्रस्ट को जीर्णोद्धार कराना चाहिए. इस दौरान अधिवक्ता रणजीत लाल वर्मा, महंत जन्मेजय शरण भी मौजूद रहे.
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