रोहित कश्यप,मुंगेली। जिले के तरईगांव में खनिज माफिया ने धरती का सीना चीरने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं. विकास कार्य के नाम पर ली गई मुरुम खनन अनुमति के आड़ में अनिल बिल्डकॉन ने खनिज विभाग को चूना लगाया है. गांव के 25 एकड़ भूमि को ही अवैध तरीके से खोद डाला है. इलाके की जमीन भी बंजर हो रही है. साथ ही पानी का स्त्रोत भी कम पड़ने लगा है. आसपास के लोगों का जीना मुहाल हो गया है.

धरती का सीना चीर रहे खनिज माफिया

रोजाना यहां मुरुम उत्खनन कर आसपास के क्षेत्रों में बेचा जा रहा है, लेकिन खनिज विभाग के अधिकारी सब कुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं. आलम ये है कि गांव के चारों तरफ तालाब नुमा बड़े बड़े गढ्ढे नजर आ रहे हैं, जो कि जानलेवा तो है साथ ही खनिज संपदा का दोहन भी खूब किया जा रहा है. करीब में ही वृक्षरोपण के लिए प्लांटेशन भी किया गया है, जो कि डामर प्लांट डालने के कारण पूरी तरह से बर्बाद हो गया है.

बिना अनुमति चल रहा डामर प्लांट

गांव वालों का कहना है कि बिना अनुमति के दबंगई पूर्वक डामर प्लांट लगा दिया गया है. वहीं गांव में मुरुम के अलावा रेत उत्खनन कर सैकड़ों ट्रक आसपास में डंप किया गया है. यहां की दुर्दशा को लेकर ग्रामीणों और कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी जिला प्रशासन से शिकायत की थी, लेकिन कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता भी नहीं निभाई. माफिया बेधड़क धरती का सीना चीरता जा रहा है.

लल्लूराम डॉट कॉम ने गांव जाकर हालातों का जायजा लेकर ग्रामीणों से बातचीत की. तब उनका आरोप था कि यहां खनिज माफियाओं पर खनिज विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी ही मेहरबान नही हैं, बल्कि यह गोरख धंधा राजनैतिक संरक्षण के कारण खूब फलफूल रहा है. जिसका खामियाजा आसपास के ग्रामीण भुगतने को मजबूर हैं.

वहीं मुंगेली के नवपदस्थ कलेक्टर अजित वसन्त ने इस सम्बंध में खनिज और राजस्व की टीम भेज कर कार्रवाई की बात कही है, लेकिन ये कार्रवाई कहीं फिर डंडे बस्ते में न चला जाए. क्योंकि धन बल के प्रयोग से कई मर्तबा बात दब गई है. अब एक बार कहीं न बात कागजों तक सीमित रह जाए.

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