नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने टीकाकरण महाअभियान के बीच अचानक यू-टर्न ले लिया है. सरकार ने वैक्सीन की कमी को दूर करने की बात कही थी. 13 मई में अगस्त से दिसंबर के बीच 8 वैक्सीन की 216 करोड़ डोज देने का वादा किया. अब अपने ही दावे से मुकर गई. केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में कहा है कि 5 वैक्सीन की सिर्फ 135 करोड़ डोज ही मिलेगी. इस तरह उसमें वैक्सीन के 81 करोड़ डोज का फर्क है.
पहले वैक्सीन की कमी के चलते कई राज्यों ने केंद्र सरकार से शिकायत भी की थी. कंपनियों से वैक्सीन नहीं मिल पा रहा था. जिसके बाद केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले लिया. सभी राज्यों को फ्री में टीका देने को कह दिया. तब केंद्र ने कहा था कि वैक्सीन की संख्या इतनी होगी कि इस साल के आखिरी (दिसंबर) तक व्यस्क आबादी को पूरी तरह वैक्सीनेट कर दिया जाएगा.
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दिसंबर तक मिलेगा 135 करोड़ वैक्सीन
इसी बीच केंद्र सरकार ने 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में यह जानकारी दी है कि वैक्सीन की डोज सिर्फ 135 करोड़ है. अगस्त से दिसंबर 2021 के बीच कोरोना वैक्सीन की 135 करोड़ डोज ही देश को मिल पाएगी. हालांकि केंद्र ने ये भी कहा है कि वो 31 दिसंबर 2021 तक टोटल वैक्सीनेशन करने की कोशिश कर रही है. सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए रिपोर्ट के मुताबकि.
पहले केंद्र ने दिया ये आकंड़ा
- कोविशील्ड – 75 करोड़
- कोवैक्सीन- 55 करोड़
- बायोलॉजिकल ई- 30 करोड़
- जायडस कैडिला- 5 करोड़
- नोवावैक्स – 20 करोड़
- भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन-10 करोड़
- जिनोवा बायोफार्मा- 6 करोड़
- स्पुतनिक V- 15.6 करोड़
- कुल – 216.6 करोड़
सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र ने दिसंबर तक 5 वैक्सीन आने का ही अनुमान लगाया है, जबकि मई में 8 वैक्सीन की उम्मीद जताई थी. 13 मई को कहा था कि दिसंबर तक 8 वैक्सीन की 216 करोड़ डोज होगी. अब वैक्सीन में 81 करोड़ डोज का फर्क है. कोविशील्ड और कोवैक्सीन जैसे कोरोना वैक्सीन की संख्या कम है, जो आंकड़ों में पहले ज्यादा दिखाई गई थी.
अब केंद्र ने दिखाया यह आकंड़ा
- कोविशील्ड – 50 करोड़
- कोवैक्सीन – 40 करोड़
- बायोलॉजिकल ई – 30 करोड़
- जायडस कैडिला- 5 करोड़
- स्पुतनिक V- 10 करोड़
- कुल – 135 करोड़