रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम द्वारा पूर्ण शराबबंदी को लेकर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पूर्ण शराबबंदी का वादा पूरा करने में विफल हो चुकी छत्तीसगढ़ कांग्रेस और कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम कन्फ्यूज हो चुके है. यही कन्फ्यूजन उनके बयान में भी नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि मोहन मरकाम के ताजा बयान और पिछले दिनों संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत को शराबबंदी का सवाल सुनाई नहीं देना इस बात को स्पष्ट करता है कि कांग्रेस ने केवल चुनाव जीतने के लिए छत्तीसगढ़ की भोली भाली जनता से पूर्ण शराबबंदी का झूठा वादा किया था.

पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी का वादा कर सत्ता प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सरकार जिसने छत्तीसगढ़ के घर-घर तक होम डिलवरी कर शराब पहुंचाने का काम किया. आज किस मुंह से रीति-रिवाज और आदिवासी संस्कृति का हवाला देकर अपने वादे से मुकरने का प्रयास कर रही है. पूर्ण शराबबंदी का वादा करते समय कांग्रेस को यह विचार नहीं आया और अब सत्ता में आने के बाद हर दिन कांग्रेस नेताओं के अजीबो-गरीब बयान सामने आने से साफ हो गया है, कांग्रेस ने जनता को धोखा दिया.

पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम किस मुंह से गुजरात और बिहार का हवाला दे रहे हैं. क्या उन्हें याद नहीं कि बिहार चुनाव के लिए कांग्रेस द्वारा जारी मेनुफेस्टों में पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार राज्य में शराबबंदी की समीक्षा की घोषणा की गई थी. क्या कांग्रेस छत्तीसगढ़ की तरह ही बिहार में शराब की खुलेआम बिक्री करना चाहती थी ? उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कन्फ्युज अध्यक्ष पूरे कन्फ्यूजन के साथ छत्तीसगढ़ में आज भी शराबबंदी का वादा निभाने की बात कर रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए कि कब होगी छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी? उन्होंने कहा कि मोहन मरकाम जी को यह भी बताना चाहिए कि सरकार द्वारा शराबबंदी को लेकर गठित समिति ने ढाई वर्षों में क्या काम किया? क्या कोई रिपोर्ट समिति द्वारा ढाई वर्षों में तैयार की गई?

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पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस के कन्फ्यूज अध्यक्ष मोहन मरकाम से सवाल किया है कि शराबबंदी के लिए गठित समिति द्वारा अन्य प्रदेशों के अध्ययन की बात बार-बार सामने आती है पर अध्ययन रिपोर्ट सामने नहीं आती और समिति और सरकार से पूर्व कांग्रेस के कन्फ्यूज प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम अपने बयान से संस्कृति और रीति-रिवाज का हवाला देते हुए छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होने का संकेत दे देते हैं. ऐसे में मोहन मरकाम को स्पष्ट करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी का वादा करने वाली कांग्रेस की मंशा क्या है?