पुरी. 12 जुलाई को साल 2021 का Rath Yatra उत्सव मनाया जाएगा. इसके लिए ओडिशा सरकार ने गाइडलाइंस जारी कर दिया है. ओडिशा सरकार ने शनिवार को कहा कि इस साल वार्षिक Rath Yatra उत्सव श्रद्धालुओं की भीड़ के बगैर ही होगा. श्रद्धालुओं को रथ के मार्ग में छतों से भी रस्म देखने की अनुमति नहीं होगी. पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की है और रथयात्रा का दृश्य घरों एवं होटलों की छतों से देखने पर भी पाबंदी लगा दी गई है.

जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने बताया कि 12 जुलाई को होने वाले इस Rath Yatra उत्सव से एक दिन पहले पुरी शहर में कर्फ्यू लगाया जाएगा जो अगले दिन दोपहर तक प्रभाव में रहेगा. समर्थ वर्मा ने कहा कि भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ का यह उत्सव कोविड-19 महामारी के चलते लगातार दूसरे वर्ष बिना श्रद्धालुओं की भागीदारी के मनाया जा रहा है. उन्होंने शहर के लोगों से टेलीविजन पर इस उत्सव का सीधा प्रसारण देखने की अपील की.

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बता दें कि Rath Yatra में शामिल होने वाले पुजारियों, पुलिसकर्मियों और सरकारी अधिकारियों को कम से कम चार बार आरटी-पीसीआर जांच से गुजरना होगा. यह फैसला कोविड-19 संक्रमण के खतरे को न्यूनतम करने के प्रयास के तहत किया गया है. अधिकारी ने बताया कि श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के अध्यक्ष डॉ.कृष्ण कुमार की अध्यक्षता में पुरी में हुई बैठक में सभी हितधारक इस फैसले पर सहमत हुए कि लगातार जांच से 12 जुलाई को होने वाली भगवान जगन्नाथ की Rath Yatra की तैयारी में लगे सभी व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. यह तैयारियां और अनुष्ठान करीब एक महीने तक चलते हैं.

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पुरी में भगवान जगन्नाथ की Rath Yatra एक वार्षिक उत्सव है और इस साल यह 12 जुलाई को होनी है. ओडिशा सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 10 जून को एक आदेश पारित किया जिसके तहत रथ यात्रा को शीर्ष अदालत द्वारा पिछले साल पारित आदेश में तय शर्तों के मुताबिक निकालने की अनुमति दी गई है.