लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वृक्ष प्रकृति के अनमोल रत्न हैं. इनकी रक्षा हम सबका दायित्व है. पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तो हम स्वस्थ रहेंगे. पर्यावरण को नुकसान से अनेक बीमारियां, मानव जीवन व जीव सृष्टि को त्रस्त करेंगी. ऐसी स्थिति से बचने के लिए हम सभी को ‘वन है तो जीवन है, जल है तो कल है’ के संकल्प के साथ पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के प्रयास करने होंगे.
मुख्यमंत्री रविवार को जनपद सुल्तानपुर में वृक्षारोपण जनान्दोलन-2021 के अन्तर्गत ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वृहद वृक्षारोपण कार्य को सम्बोधित कर रहे थे. इस अवसर पर उन्होंने जनपद सुलतानपुर में वृक्षारोपण जनान्दोलन-2021 के अन्तर्गत ग्रीनफील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. उन्होंने पीपल, पाकड़, बरगद, आंवला, गूलर और जामुन के पौधों का रोपण किया. जनप्रतिनिधियों को वृक्षारोपण जनान्दोलन-2021 के तहत पौधे वितरित किए. तत्पश्चात् एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने बरगद के पेड़ का वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन-अर्चन कर परिक्रमा की. वृक्षारोपण कार्यक्रम का निरीक्षण कर जायजा लिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 से 07 जुलाई तक वन महोत्सव का कार्यक्रम चल रहा है. इस अवसर पर प्रदेश के प्रत्येक जनपद, ग्राम पंचायत, मोहल्ले में वृक्षारोपण का कार्य हो रहा है. वृक्षारोपण महा अभियान के तहत आज कई नये रिकॉर्ड बन रहे हैं. इनमें से एक रिकॉर्ड वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में आज 100 करोड़वां पौधा लगाने का है. राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 मंे 5.71 करोड़, वर्ष 2018-19 में 11.77 करोड़, वर्ष 2019-20 में 22.60 करोड़, वर्ष 2020-21 में 25.87 करोड़ पौधों का रोपण कराया गया. विभागीय वृक्षारोपण के अलावा 05 करोड़ पौधों का रोपण किसानों व अन्य प्रदेशवासियों द्वारा किया गया है. वर्ष 2021-22 में 30 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कराया जा रहा है. विगत 05 वर्षाें में 100 करोड़ पौधों का रोपण किया गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वृक्षारोपण जनान्दोलन-2021 के अन्तर्गत प्रातःकाल से ही प्रदेशवासियों द्वारा वृक्षारोपण का कार्य बड़े उत्साह से हो रहा है, सुबह से अब तक 09 करोड़ से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं. उनका सौभाग्य है कि आज उन्हें भारत की प्राचीन ऋषि परम्परा से सम्बन्धित पंचवटी, नवग्रह तथा नक्षत्र वाटिका के पवित्र पौधों का रोपण करने का अवसर प्राप्त हुआ. हम सभी भारत की ऋषि परम्परा की विरासत से प्राप्त पवित्र वृक्षों का रोपण कर अपनी प्राचीन परम्परा से खुद को जोड़ने का कार्य कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने जनता से जनान्दोलन-2021 को सफल बनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हर व्यक्ति कम से कम एक पौधे का रोपण करे. साथ ही, अपने सम्बन्धियों तथा परिचितों से भी कम से कम एक पौधा लगवाए. अलग-अलग प्रजातियों के पौधे लगाए जाएं तथा उनकी सुरक्षा भी की जाए. उन्होंने कहा कि पौधा भविष्य में वृक्ष बनकर प्रकृति के तंत्र को मजबूती प्रदान करने के साथ ही, फल, छाया, औषधि, लकड़ी उपलब्ध कराकर व्यक्ति की आवश्यकता भी पूरी करता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनने जा रहा है. यह एक्सप्रेस-वे राज्य के युवाओं को रोजगार देने, प्रदेश को समृद्ध तथा राज्य को देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहायक होगा. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के किनारे 05 स्थानों पर औद्योगिक क्लस्टर विकसित किये जाएंगे. इन क्लस्टर्स में फार्मा, आईटी, खाद्य् प्रसंस्करण आदि से सम्बन्धित औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जाएंगी. इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर नौकरी एवं रोजगार के अवसर सुलभ होंगे तथा वे स्वावलम्बन के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के रूप में विकसित करने में सहायक होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रीन फील्ड पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे औद्योगिक गलियारा बनने के साथ ही, पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान करेगा. यूपीडा द्वारा इस एक्सप्रेस-वे के किनारे स्थित एक प्राचीन वट वृक्ष का संरक्षण किया गया है. 100 वर्ष से अधिक पुराने इस वृक्ष को हेरिटेज वृक्ष की मान्यता दी गई है. इस वृक्ष के पूजन-अर्चन से आज यहां आध्यात्मिक वातावरण बना है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 100 वर्ष से अधिक पुराने वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष के रूप में मान्यता दे रही है. वृक्षों के इस तरह से संरक्षण से प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ बेहतर समन्वय होगा. इससे हर व्यक्ति सुरक्षित होगा. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति हमारी गहरी संवेदना है. उन्होंने कहा कि हर पंचायत एवं हर मोहल्ले में ऐसे लोगों की याद में स्मृति वाटिका का विकास कराया जाए. स्मृति वाटिका के पौधे लोगों को सदैव पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरित करते रहेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना इस सदी की सबसे बड़ी महामारी है. हम सभी को इसके विरुद्ध मिलकर संघर्ष करना होगा. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण के विरुद्ध देश मजबूती से संघर्ष कर रहा है. व्यापक स्तर पर टेस्टिंग, वैक्सीनेशन तथा बच्चों एवं वयस्कों को मेडिसिन किट निगरानी समितियों द्वारा दी जा रही है. स्वच्छता एवं सैनिटाइजेशन के कार्यक्रम नियमित रूप से संचालित किये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना एक अदृश्य शत्रु है. हम सभी के सम्मिलित प्रयास से यह कमजोर हुआ है, किन्तु समाप्त नहीं हुआ है. इसके संक्रमण के विरुद्ध हम सभी को पूरी सावधानी एवं सतर्कता बरतनी होगी. कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. ऐसे किसी भी कार्य से बचना होगा, जिससे हम स्वयं, हमारा परिवार का स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रभावित हो.
मुख्यमंत्री ने अत्यन्त कम समय में कोरोना की दो-दो वैक्सीन विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री एवं देश के वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना की वैक्सीन इसके संक्रमण से बचाव के लिए एक सुरक्षा कवच है. कोरोना वैक्सीनेशन के लिए राज्य सरकार द्वारा व्यापक प्रबन्ध किये गये हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपनी बारी आने पर कोरोना की वैक्सीन अवश्य लगवाये. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए आवश्यक है कि इसके प्रति लापरवाही न बरती जाए. संक्रमण से बचाव के उपायों यथा दो-गज की दूरी तथा मास्क का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाए. कोई भी व्यक्ति रोग न छिपाये. निगरानी समितियों के सदस्यों के आने पर हर व्यक्ति टेस्ट अवश्य कराये. संक्रमित होने की स्थिति में क्वारंटीन होकर उपचार कराये.
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में प्रदेश का तेजी से समग्र विकास हो रहा है. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश में वृक्षारोपण कार्यक्रम के द्वारा इतिहास रचा जा रहा है. मुख्यमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार द्वारा 100 करोड़ से अधिक पौधों का रोपण कराया गया है. इससे मुख्यमंत्री की पेड़-पौधों तथा जीव-जन्तुओं के प्रति संवेदनशीलता का पता चलता है.
इस अवसर पर गन्ना विकास राज्य मंत्री सुरेश पासी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव गृह एवं यूपीडा के सीईओ अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास वी. हेकाली झिमोमी सहित शासन प्रशासन एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.