सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। प्रदेश में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान एक बार फिर से शुरू हो सकता है. कोरोना की दूसरी लहर में सुपोषण अभियान को बंद कर दिया गया था. अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस अभियान की शुरुआत करने के लिए ग्रामीण अंचलों में जाएंगी और लोगों से पूछेंगे कि क्या परिजन अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्म भोजन कराने के लिए तैयार है. गर्भवती माताओं से भी यह बात पूछी जाएंगी.

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेंड़िया ने कहा कि मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पहले साल भोजन दिया जा रहा था. कोरोना की दूसरी लहर में इस अभियान पर पाबंदी लग गई थी, इसलिए हमारे कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका भी घर-घर तक नहीं पहुंच पाई थी. बच्चों से संपर्क भी नहीं हुआ, ना ही परिवार के लोगों से संपर्क हुआ. हम फिर इस अभियान को एक बार फिर संचालित करने पर विचार कर रहे हैं. कम से कम 2 घंटे के लिए ही सही पर हम अपने आंगनबाड़ी के बच्चों को खाना खिला सकें व गर्भवती माताओं को भोजन उपलब्ध करा सकें. जिससे कुपोषित बच्चों को लाभ मिल सके. कैबिनेट की बैठक में भी इस मुद्दे को रखा जाएगा. ग्रामीण स्तर पर आंगनबाड़ी केंद्रों में भी चर्चा की जाएगी कि वे लोग अपने बच्चों को भेजेंगे या नहीं. गर्भवती माताएं भी आएंगी या नहीं.

गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ठंडे बस्ते में चला गया. छत्तीसगढ़ में काफी महिलाओं और बच्चों में कुपोषण की शिकायत को देखते हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरुआत की गई थी. इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं व बच्चों को पौष्टिक युक्त आहार देना है, कोरोना संक्रमण के पहले दौर में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने की वजह से महिलाओं एवं बच्चों को गर्म भोजन ना देकर उन्हें सूखा राशन वितरित किया गया था, लेकिन दूसरी लहर के दौरान महिलाओं एवं बच्चों को सूखा राशन भी नहीं मिल पाया. आज मुख्यमंत्री बघेल महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक भी करने वाले हैं और इस बैठक में भी सुपोषण अभियान को लेकर भी चर्चा होगी.

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