रायपुर. भाजपा ने अपने छ: विधायकों को नोटिस जारी किया है. इसमें मंत्री और संसदीय सचिव भी शामिल है. पार्टी ने इन सभी को नोटिस देकर विधानसभा में वोटिंग के दौरान अनुपस्थित होने की वजह पूछी है.

सूत्रों की माने तो इस नोटिस का संतोषजनक जवाब न ​मिलने पर इन पर पार्टी अनुशासनहीनता की कार्रवाई कर सकती है. क्योकि इस बार भाजपा के सभी विधायकों सदन की कार्रवाई के दौरान सदन में उपस्थित रहने का फरमान संगठन की ओर से पूर्व में ही जारी किया जा चुका था. लेकिन इसके बावजूद कुछ विधायकों ने इस फरमान को गंभीरता से नहीं लिया, जिसका खमियाजा उन्हें आने वाले समय में उठाना पड़ सकता है.

जिन मंत्री-विधायकों को नोटिस थमाया गया है, उनमें महेश गागड़ा, युद्धवीर सिंह जूदेव, चंपादेवी पावले, श्रीचंद सुंदरानी, राजू सिंह क्षत्रिय और राजशरण भगत शामिल है.

गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र के दौरान गुरूवार को भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक के पास होने के ठीक पहले विपक्ष ने मत विभाजन की मांग रख दी. उस समय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या लगभग एक दर्जन भी नहीं थी. और यदि उस समय वोटिंग हो जाती, तो सरकार मत विभाजन में हार जाती, लेकिन इसी बीच वोटिंग की जानकारी सदन के बाहर गये भाजपा विधायको को लगी जिस पर वे आनन-फानन में दौड़ते भागते सदन में पहुंचे और किसी तरह से मत विभाजन में सरकार की लाज बच गयी. 7 विधायक और मंत्री ऐसे थे जो सदन की कार्रवाई के दौरान सदन में उपस्थित नहीं थे. इसमें से एक विधायक गोवर्धन मांझी इजाजत लेकर गये थे, और यही कारण है की मांझी को छोड़कर सदन से गायब रहने वाले सभी छ: विधायकों को पार्टी ने नाटिस थमाया है.