रायपुर- अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक उमेश पटेल भावुक हो गए. झीरम घाटी की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि- मैंने भावनाओं को दबाना सीख लिया है, लेकिन उस घटना की बार-बार याद दिलाई जाती है. जिस दर्द को मैं दबाकर रखना चाहता हूं, उसे बार-बार कुरेदा जाता है. मैं सबसे हाथ जोड़कर कहता हूं कि यदि इस मामले में मदद नहीं कर सकते, तो कम से कम अपमान भी ना करें.

उमेश पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सदन में कवासी लखमा की टिप्पणी पर कहा था कि जिस दिन लखमा सच्चाई बोल देगा, उस दिन तूफान खड़ा हो जाएगा, देश में बवाल मच जाएगा. यदि वह सच्चाई जानते हैं, तो फिर बताया क्यों नहीं जाता. उमेश ने कहा कि दो साल पहले 24 मई को एक चैनल ने झीरम घाटी नक्सल हमले में शामिल एक सरेंडर नक्सली का इंटरव्यू चलाया था, जिसमें सरेंडर नक्सली ने कहा था कि नंदकुमार पटेल, दिनेश पटेल, विद्याचरण शुक्ला क्रास फाइरिंग में मारे गए. क्या उस सरेंडर नक्सली से झूठ बुलवाया गया. देवती कर्मा ने कहा कि नक्सलियों की वजह से ही सरकार बनी है. सरकार नक्सलियों से मिली हुई है. सरकार नक्सली समस्या को खत्म नहीं करना चाहती. क्योंकि इससे सरकार को ही फायदा हो रहा है. हमने सीबीआई जांच की मांग की थी.

चर्चा के दौरान उमेश पटेल ने कहा कि- प्रदेश में शिक्षकों के हजारों पद रिक्त हैं. जबकि उच्च शिक्षित युवा बेरोजगार हैं. मुख्यमंत्री सदन में कहते हैं कि इंजीनियरिंग के छात्र बारहवीं कक्षा को नहीं पढ़ा सकते, मेरा टेस्ट ले लिया जाए कि मैं पढ़ा सकता हूं या नहीं. उमेश पटेल ने कहा कि मंत्री अमर अग्रवाल के परिजन कुनकुरी में जमीन हड़पते हैं, लेकिन उनके खिलाफ 170 ख के तहत कार्रवाई नहीं होती.

मेरा विश्वास इधर भी नहीं, उधर भी नहीं- अमित जोगी

अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन देते हुए अमित जोगी ने कहा कि रमन सरकार की बुनियाद 2013 में जारी हुए घोषणा पत्र से रखी गई. यह घोषणा पत्र घोटाला पत्र बन गया है. कभी नान घोटाला, कभी भदौरा, तो कभी जलकी, तो कभी पनामा. जोगी ने पूछा कि सरकार अपने घोषणा पत्र का पालन क्यों नहीं कर रही, इसका जवाब नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि इस साल इस सदन ने 86 हजार करोड़ का भारी भरकम बजट पारित कर दिया. इसके अलावा कोयले की नीलामी से 1 लाख करोड़ रुपये और मिला. आज की तारीख में सरकार के पास 2 लाख करोड़ जमा है. मतलब साफ सरकार की नीतियां गलत है. साथ ही सरकार की नीयत में खोट है. महाराष्ट्र में, यूपी में किसानों का कर्जा माफ कर दिया तो फिर छत्तीसगढ़ में सरकार ऐसा क्यों नहीं करती.

अमित जोगी ने कहा कि इस प्रदेश के में बड़े नेताओं को बड़े दिल की जरूरत है. मोटी चमड़ी वालों की जरूरत नहीं है. आज प्रदेश में सीडी की राजनीति हो रही है. दो ही बातों की चर्चा है एक दारू वाले बाबा की और दूसरी सीडी वाले बाबा की..जोगी ने कहा कि दिल्ली में नेताओं ने छत्तीसगढ़ को बगैर सुने तय कर दिया कि इंद्रावती के पानी मे ओडिशा के एकाधिकार होगा..हमारे किसानों का पानी छीना जा रहा है लेकिन इसकी चर्चा यहां नहीं होगी. दिल्ली में तय कर दिया कि जीएसटी में उत्पादन पर नहीं बल्कि उपभोक्ता पर टैक्स लगेगा. अमित जोगी ने कहा कि मेरा विश्वास ना तो सत्तापक्ष पर है और ना ही विपक्ष पर. उन्होंने कहा कि देश का सबसे बड़ा स्वास्थ्य का बजट है. अगर कोई बीमार है तो प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग बीमार पड़ा है. यहां गर्भाशय कांड, आंखफोडवा कांड, सुपेबेड़ा के मामले सामने आते हैं. कुपोषण के मामले में आज भी छत्तीसगढ़ देश मे दूसरे स्थान पर है. देश मे रेप की घटनाओं में छत्तीसगढ़ में बढ़ोतरी हो रही है. शिक्षकों से मूत्रालय की जांच कराई जा रही है.