राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में एक बार फिर केंद्रीय कृषि कानूनों पर सियासत गरमा गई है. विपक्ष ने इस मुद्दे कों लेकर शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने इन कानूनों को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है. कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से एमपी विधानसभा में केंद्रीय कृषि कानूनों की रद्द करने की मांग की है.

यह भी पढ़ें : नकली ऑयल की फैक्ट्री का भंडाफोड़, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि बीते 7 महीनों से दिल्ली में किसान इन कानूनों को रद्द कराने के लिए आंदोलन कर रहा है. इसके अलावा मध्य प्रदेश के किसान भी इन कानूनों का विरोध किया जा रहा है. किसानों ने इन कानूनों को रद्द करने की मांग की है. ऐसे में आगामी संभावित विधानसभा सत्र में इन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए शासकीय संकल्प लाकर और उसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जाए.

यह भी पढ़ें : हाइवे पर प्रदर्शन करना पड़ा महंगा, 600 लोगों पर पुलिस ने दर्ज की FIR

कमलनाथ ने आगे लिखा कि कृषि कानूनों पर विधानसभा में बहस होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल की तरफ से विधानसभा सचिवालय को पत्र भी भेजा है.

गौरतलब है कि कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन की शुरुआत पिछले साल 26 नवंबर को हुई थी. पंजाब से है शुरू हुए इस विरोध ने करीब-करीब पूरे देश में माहौल सरकार विरोधी बना दिया था. दिल्ली में तीनों बॉर्डर पर किसान 7 महीने बाद भी डटे हुए हैं. कृषि कानून के वापस न लेने तक किसानों का आंदोलन लगातार जारी रहेगा.

यह भी पढ़ें : प्रदेश के 23 हजार पंचायतों में काम रहेगा ठप्प, जनपद सीईओ से लेकर रोजगार सहायक तक हैं हड़ताल पर