सुशील सलाम, कांकेर। सिलगेर गोली कांड को लेकर आदिवासी समाज का गुस्सा कायम है. घटना में मारे गए आदिवासियों के परिवार को तत्काल मुआवजा देने के अलावा बस्तर में नक्सली समस्या का समाधान सहित अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज आंदोलनरत है. इस कड़ी में जगदलपुर से लेकर धमतरी तक रैली निकालने से लेकर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है.

सर्व आदिवासी समाज व युवा संगठन ब्लॉक कांकेर की ओर से शहीद वीर गुण्डाधुर चौक पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की शुरुआत की. समाज की ओर से सिलगेर गोली कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने, बस्तर संभाग में नक्सली समस्या का समाधान, भानुप्रतापपुर के कन्हैयालाल गावडे की जमीन खरीदी-बिक्री की सही जांच, गढ़िया पहाड़ स्थानीय निवासियों की आराध्य पहाड़ी को छेड़छाड़ न करें, आदिवासी के नाम पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारियों पर उचित कार्रवाई, आदिवासी समाज की लड़कियों के साथ शादी करने वाले गैर आदिवासियों पर कार्रवाई की मांग की. प्रदर्शन में युवा प्रभाग के सैकड़ों लोग उपस्थित थे.

बालोद जिला के डौंडी ब्लॉक मुख्यालय में सर्व आदिवासी समाज अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर रैली निकालने के साथ धरना-प्रदर्शन किया.

वहीं जगदलपुर में सिलगेर के आदिवासी युवाओं ने पत्रवार्ता में गोली कांड के विरोध में किए जा रहे आंदोलन को जंगल से प्रदेश की राजधानी तक पहुंचाने की बात कही. उन्होंने कहा कि सिलगेर गोली कांड में ग्रामीणों की मौत का न्याय मिलने दोषियों को सजा होने के साथ कैंप को जब तक नहीं हटाया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

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धमतरी में भी सिलगेर गोली कांड के अलावा अन्य मांगों को लेकर आदिवासियों ने धरना-प्रदर्शन किया. वहीं आदिवासी समुदाय से चुनकर आने वाले सांसदों-विधायकों और आदिवासी मंत्रियों को अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात कही. आदिवासियों ने कहा कि शासन-प्रशासन को ज्ञापन देते थक चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी आवाज अनसुनी ही है. इसलिए मजबूर होकर धरना-प्रदर्शन करना पड़ा है.

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