रायपुर. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय संडे केंपस एवं एमजे महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में मुकेश के गाए हुए यादगार गीतों का प्रस्तुतीकरण कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत सोशल डिस्टेंसिंग के साथ श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के सभागार में किया गया.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वर्गीय मुकेश को स्वरांजलि देने के साथ-साथ इस पेंडेमिक क्षण में अपनी संगीत क्षमता से समाज को अभिप्रेरित कर सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने वाले सभी संगीत प्रेरकों का सम्मान करना भी था.
कार्यक्रम के उद्देश्य पर पर प्रकाश डालते हुए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय के प्राचार्य एवं निदेशक डॉ रक्षा सिंह ने सभी प्रेरकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संगीत एक ऐसा माध्यम है. जिसके कारण हम सभी चिंता अवसाद और तनाव जैसी मानसिक बीमारियों से दूर रहते हैं कोरोनामें बहुत अधिक परिवारों में दुख और विषाद के पल झेले हैं जिसे दूर करने में हमारा संगीत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ज्ञान चतुर्वेदी जहां संगीत के माध्यम से लोगों में हर्ष और सकारात्मकता की अलख जगाने में सफल रहे.
वहीं अब्दुल आरिफ खान ने अपने टीकाकरण के गीत के माध्यम से लोगों में टीकाकरण के प्रति जन जागरूकता पैदा की जो वास्तविक में एक सराहनीय कार्य है. स्वर्गीय मुकेश को याद करते हुए आपने कहा कि जिस प्रकार मुकेश जी ने अपने जीवन की कठिनाइयों से लड़ते हुए एक सफल गायक बनने की मिसाल कायम की.
प्राचार्य डॉ चौबे ने कहा यह हमारा सौभाग्य है कि हम महाविद्यालय आपस में मिलकर इस संगीत में कार्यक्रम को आयोजित कर रहे हैं, भविष्य में भी सकारात्मकता पैदा करने वाले अन्य कार्यक्रम साथ में मिलकर आयोजित किए जाएंगे. जिससे विभिन्न महाविद्यालयों को भी आपसी सौहार्द्र और प्रेम कायम करने की शिक्षा मिलेगी.
इस अवसर पर ज्ञान चतुर्वेदी एवं अब्दुल आरिफ खान का प्रशस्ति पत्र शॉल एवं गणेश नुमा श्रीफल देकर उनका सम्मान किया गया. इस अवसर पर मुकेश के सदाबहार गाने गाने जैसे महबूबा ओ मेरी महबूबा… सुहानी चांदनी रातें यह मेरा दीवानापन है…. चांद आहें भरेगा और अन्य गीतों की पेशकश की गई और उनकी जीवन चर्या पर प्रकाश डाला गया.