रायपुर। छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान मचा हुआ है. प्रदेश की राजनीति में मानो अचानक तूफान सा आ गया है. विधायक बृहस्पत सिंह और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विवाद मामले में सियासी दंगल जारी है. मंत्री सिंहदेव की नाराजगी अब साफ बाहर आने लगी है. वहीं बैठकों का सिलसिला भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर से सीएम हाउस में मीटिंग फिक्स की गई है. कांग्रेस में उपजे विवाद को सुलझाने के लिए बैठक की जा रही है. मीटिंग में शामिल होने के लिए 19 से ज्यादा विधायक CM हाउस में दाखिल हो गए हैं.

मिली जानकारी के मुख्यमंत्री निवास में मंत्री परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है. बैठक में शामिल होने के लिए मंत्री मो. अकबर, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, मंत्री रुद्र गुरु, मंत्री जयसिंह अग्रवाल, मंत्री रविन्द्र चौबे सहित कई मंत्री पहुंचे हैं. साथ ही एक साथ CM हाउस में करीब 19 विधायक पहुंचे हैं. थोड़ी देर में मंत्रियों के साथ बैठक होगी. मंत्री TS सिंहदेव के मसले पर चर्चा होगी, लेकिन TS सिंहदेव बैठक में शामिल नहीं होंगे.

बता दें कि विधायक कांग्रेस विधायक  बृहस्पत सिंह के काफिले पर 24 जुलाई की रात हमला हुआ था. जिसके बाद 25 जुलाई को उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर मंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि मुझे जान का खतरा है. मुझ पर हमले के पीछे मंत्री टीएस सिंहदेव का हाथ है.

बृहस्पत सिंह ने कहा था कि महाराजा हैं मेरी हत्या करा सकते हैं. हत्या कराने से अगर सिंहदेव मुख्यमंत्री बन सकते हैं तो उन्हें ये पद मुबारक़ हो. मंत्री सिंहदेव कांग्रेस विधायकों का अपमान करते हैं. उन्होंने कहा था कि ऐसे मंत्री को पद पर रहने का अधिकार नहीं है. हालांकि विधायक की बैठक के बाद मंत्री टीएस सिंहदेव और विधायक बृहस्पत सिंह एक साथ नजर आए थे.

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन टीएस सिंहदेव ने विधानसभा में अपनी बात कहकर बाहर निकल गए. जहां उन्होंने  ने के बाद पहले 10 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई. इसके बाद शुरू हुई कार्यवाही के बाद बृहस्पति सिंह मामले में विपक्षी सदस्यों ने सदन की कमेटी बनाकर जांच की मांग की और विपक्षी सदस्य गर्भगृह उतरे.

इसी बीच सदन में हंगामा जारी रहा और फिर भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है. सिंह देव ने सदन में कहा था कि –

 मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है.  मैं नहीं समझता हूं कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.

https://youtu.be/ie0DOvLHD6M

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