शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालय में प्रवेश को लेकर एक नया आदेश जारी किया है. जिसके तहत जिन छात्र-छात्राओं पर किसी भी तरह का आपराधिक प्रकरण दर्ज है, उन्हें कॉलेज में प्रवेश नहीं मिलेगा. यह नया नियम उच्च शिक्षा विभाग मप्र शासन ने प्रदेश में एडमिशन के लिए लागू किया है. हालांकि इस नए नियम को लेकर सरकार का विरोध भी शुरु हो गया है. एबीवीपी और एनएसयूआई दोनों संगठन सरकार के विरोध में उतर गए हैं.

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साथ ही इस नियम के अनुसार संकाय, कर्मचारियों या अन्य छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के दोषी पाए गए छात्रों को भी प्रवेश नहीं मिलेगा. वहीं जो छात्र पिछले शैक्षणिक सत्र में कॉलेज प्रशासन के साथ दुर्व्यवहार और कॉलेज की संपत्ति में तोड़फोड़ के दोषी हैं, उन्हें भी प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके साथ ही कहा गया है कि अगर ऐसे छात्रों के व्यवहार में कोई सुधार नहीं होता है, तो प्रिंसिपल एडमिशन नहीं देगा.

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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के उच्‍च शिक्षा संस्थानों में आगामी एक अगस्त से एडमिशन शुरू होने जा रहे हैं. इन छात्रों को एडमिशन के लिए एक घोषणा पत्र भी दिखाना होगा, जिसमें यह स्‍पष्‍ट हो कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है.

उच्च शिक्षा विभाग के इस फैसले के विरोध में छात्र संगठन मैदान में कूद पड़े हैं. कांग्रेस से जुड़े छात्र संगठन एनएसयूआई और बीजेपी से जुड़े एबीवीपी दोनों संगठनों ने इस फैसले का विरोध किया है. एनएसयूआई कहा कहना है कि सरकार को आदेश लेना चाहिए, यह आदेश बच्चों के करियर को बर्बाद कर देगा. वहीं एबीवीपी ने कहा कि प्रदेश सरकार छात्र राजनीति खत्म करना चाहती है. एबीवीपी ने चेतावनी देते हुए कहा कि फैसला वापस नहीं हुआ तो आंदोलन करेंगे.

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