रायपुर। भारतीय महिला हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार सेमीफाइनल में प्रवेश किया है. मैच में जिस तरह से महज एक गोल के अंतर को अंत तक भारतीय टीम ने बरकरार रखने में कामयाबी पाई. भारतीय टीम की इस जीत में मुख्य कोच शुअर्ड मारिन (Sjoerd Marijne) की अहम भूमिका है. यही वजह है कि लोग सोशल मीडिया में शुअर्ड मारिन को पद्मश्री और द्रोणाचार्य अवार्ड देने की मांग कर रहे हैं.

टोक्यो ओलंपिक के साथ-साथ महिला हॉकी के इतिहास में सबसे बड़ा उलटफेर करने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम का इससे पहले ओलिंपिक खेलों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 के मास्को ओलिंपिक में था, जब टीम ने चौथा स्थान हासिल किया था, लेकिन उस समय की परिस्थितियां अलग थी. बहुत से देशों से ओलंपिक का बहिष्कार किया था. अबकी बार परिस्थितियां अलग थी.

अबकी बार अपने पूल में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय टीम का मुकाबला पूल बी में पहले नंबर की टीम ऑस्ट्रेलिया से था. मैच शुरू होने से पहले मुख्य कोच शुअर्ड मारिन ने कहा था कि स्पर्धा में अव्वल नंबर की टीम होने के नाते मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम पर दबाव होगा. हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम पूरी स्वतंत्रता के साथ मैच खेलें. और कोच की बात को खिलाड़ियों ने सही साबित कर दिया.

केवल हॉकी में आएंगे ऐसे भाव…


डच मूल के शुअर्ड मारिन को यह सफलता लंबे समय तक मेहनत करने के बाद मिली है. हॉकी इंडिया ने 28 फरवरी 201 को नीदरलैंड महिला टीम के पूर्व कोच रहे शुअर्ड मारिन को चार साल के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया था. मारिन ने टीम में वह भरोसा पैदा किया, जिसकी उसे सख्त जरूरत थी.

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भारतीय महिला टीम के पूर्व मुख्य कोच नील हौगुड का भी मानना है कि शुअर्ड मारिन की देखरेख में भारतीय महिला हॉकी टीम मानसिक रूप से मजबूत इकाई बनी है, जो उसके टोक्यो ओलिंपिक अभियान के लिए शुभ संकेत है. वे कहते हैं कि मारिन ने टीम के स्तर को ऊपर उठाने के मामले में अद्भुत काम किया है. मौजूदा टीम पिछले वर्षों की तुलना में मानसिक रूप से काफी मजबूत है.

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उन्होंने पॉडकास्ट में कहा कि इससे पहले अगर टीम के खिलाफ जल्दी गोल हो जाता था तो स्थिति चिंताजनक हो जाती थी, जिससे बड़ी हार का सामना करना पड़ सकता है. टीम इस तरह की स्थिति में अब शांत और आत्मविश्वास से भरी दिखती है. खिलाड़ी जानते है कि वे किसी भी समय मैच में वापसी कर सकते हैं. मुझे यह देखकर खुशी हो रही है कि मेरे समय के मुकाबले टीम ने काफी सुधार किया और एक अलग (ऊंचे) स्तर पर पहुंच गई.

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