रायपुर. बिजली दर को लेकर राजनीती गरमा गई है. भारतीय जनता पार्टी ने बिजली दर को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है. बीजेपी ने कहा कि बिजली बिल हाफ का वादा करके सत्ता पाने वाली कांग्रेस ने बिजली की दरें बढ़ाकर जनता के साथ धोखा किया है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दर में कटौती हुई तो एक बार बढ़ोतरी हुई है.

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने बिजली दरों में बढ़ोतरी कर नियामक आयोग द्वारा नई टैरिफ लागू करने को प्रदेश सरकार द्वारा जनता के साथ एक और विश्वासघात निरुपित किया है. साय ने कहा कि कोरोना आपदा काल में प्रदेशवासियों को 8 पैसे की भी राहत नहीं देने वाली प्रदेश सरकार की कुनीतियों ने प्रदेश को आर्थिक संकट और अनाप-शनाप कर्ज़ों के दलदल में धकेल दिया है और प्रदेश सरकार की इस बदनीयती का दुष्परिणाम जनता को भोगना पड़ेगा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष साय ने कहा कि महंगाई का रोना रोने वाली और हर चौक-चौराहों पर महंगाई के नाम पर नौटंकीनुमा प्रदर्शन कर झूठ का रायता फैलाती कांग्रेस और उसकी प्रदेश सरकार ने अब जनता की जेब काटने का प्रावधान बिजली दर बढ़ाकर कर लिया है. बिजली बिल हाफ का वादा करके सत्ता में आई कांग्रेस की सरकार ने बिजली की औसत दरों में सीधे-सीधे 08 फीसदी बढ़ोतरी कर दी है. साय ने कहा इससे बड़ी धोखेबाजी क्या हो सकती है.

27 महिने उपभोक्ताओं को मिला लाभ – कांग्रेस

वहीं प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद दो बार दरे कम हुई और सिर्फ एक बार बढ़ी है. कम होने वाली दरे और ज्यादा होने वाली दरों को देखे तो 3 साल में कुल बिजली दर में वृद्धि 3.3 प्रतिशत है. यानी हर साल 1.1 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. इसे रमन सिंह सरकार के कार्यकाल के संदर्भ में देखे तो रमन सिंह सरकार तो लगातार बिजली महंगी करती थी. 2004-05 बिजली 3 रुपए 27 पैसे प्रति यूनिट थी. जिसे 2018 19 में 6 रुपए 20 पैसे किया रमन सिंह सरकार ने. 90 प्रतिशत की वृद्धि हुई. 15 वर्ष में 9 बार बिजली दर बढ़ाई गई. औसत वृद्धि रमन सिंह सरकार में हर वर्ष 6 प्रतिशत होती थी. छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यूनतम वृद्धि की है और ये भी वृद्धि केन्द्र सरकार के द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमते मंहगी करने और परिवहन लागत बढ़ने के कारण हुई है. 27 महिने में छत्तीसगढ़ सरकार ने 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ रुपए की छूट बिजली बिल हाफ कर के दी है.

अनाप-शनाप बढ़ोतरी जनता पर बोझ – बीजेपी

साय ने कहा बिजली बिलों की नई दरें एक अगस्त से लागू कर दी गईं जबकि इसकी घोषणा एक दिन बाद सोमवार दो अगस्त को की जा रही है इस कोरोना काल में बिजली दरों में यह अनाप-शनाप बढ़ोतरी करके प्रदेश सरकार ने जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है. साय ने कहा कि नियामक आयोग ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए घरेलू बिजली की औसत दर 6.41 निर्धारित की है जो पिछले वर्ष 5.93 प्रति युनिट थी. यह दर अब पिछले साल की तुलना में 48 पैसे प्रति युनिट ज्यादा है. साय ने कहा कि प्रदेश जब कोरोना महामारी से जूझ रहा है, तब जनता को राहत देने के बजाय प्रदेश सरकार डाका डालने पर उतारू है, जबकि महंगाई के नाम पर मिथ्या प्रलाप करती कांग्रेस ने देश को हाल ही गुमराह तक करने में कोई कसर बाकी नहीं रख छोड़ी थी. बिजली दरों में यह बढ़ोतरी तो कांग्रेस सरकार की कुनीतियों और कुशासन की एक झलक है. कांग्रेस के राज में प्रदेश जिस तरह डूब रहा है, वित्तीय हालात ख़राब हैं, उस स्थिति में जनता की जेब ही हर बार काटी जाएगी. प्रदेश सरकार ने वितीय अनुशासनहीनता कर जो कर्ज़ों का बोझ लादकर प्रदेश को घाटे में ला पटका है, उसकी भरपाई यह सरकार अब जनता से ही करेगी. अब प्रदेश की जनता इस प्रदेश सरकार को सबक सिखाने तैयार हो जाए.

अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में बिजली दर कम – कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में अभी दरे 6 प्रतिशत बढ़ाई गई. इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की बिजली की दरे मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश और पंजाब से कम है. छत्तीसगढ़ सरकार बिजली बिल हाफयोजना जारी रखेगी अर्थात उपभोक्ताओं को दरो में छूट मिल रही है वो यथावत रहेगी. 27 महिनों में लगभग 39.63 लाख उपभोक्ताओं को 1822 करोड़ की राहत बिजली बिल हाफ कर के छत्तीसगढ़ सरकार ने की है. बिजली के दरों में हुई 6 प्रतिशत की वृद्धि पर भी बिजली बिल हाफ की योजना लागू होगा जिसका लाभ जनता को मिलेगा. भाजपा की सरकार 90 प्रतिशत बिजली बढ़ाई 15 साल में और औसत हर साल प्रतिशत बिजली बढ़ाती थी, उस भाजपा के लोग किस मुंह से छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना करते है.