रायपुर। हाथियों के लिए धान खरीदी पर सियासी घमासान पर वन मंत्री मो. अकबर ने स्पष्ट किया है कि हाथियों के लिए धान की कोई खरीदी नहीं की जा रही है. यह खाद्य विभाग से वन विभाग के बीच ट्रांसफर का मामला है. यही नहीं हाथियों के लिए खाद्य विभाग से सड़ा हुआ धान नहीं लिया जा रहा है.

हाथियों के लिए की जा रही धान खरीदी पर पनपे विवाद के बाद वन मंत्री मोहम्मद अकबर से बुधवार को मीडिया से चर्चा में कई बातों को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि हाथियों के दल द्वारा आम लोगों के मकान और फसल को पहुंचाए जाने वाले क्षति को ध्यान में रखते हुए सरकार उनके लिए सूरजपुर, धरमजयगढ़, बालोद वनमंडल में अलग-अलग स्थानों पर खुले में धान रखा गया था. इसमें से सूरजपुर वनमंडल में 3 जगहों पर हाथी ने धान खाया है. शुरुआती सफलता मिली है.

मंत्री अकबर ने बताया कि इस समय 16 हाथियों का दल कुल 307 हाथी राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में प्रमुख रूप से रेहन, तमोर पिंगला, बादलखोल अभ्यारण, प्रतापपुर, रघुनाथपुर, तपकरा, कुनकुरी, मनोरा, दुलदुला, छाल, धरमजयगढ़, कापू, लैलूंगा, बोरा, बाकारूमा कुदमुरा, करतला, पसांद, कटघोरा, रायगढ़ घरघोड़ा, तमनार, बलोद, मैनपुर, कोठारी में विचरण कर रहें हैं.

वन मंत्री ने कहा कि हाथी बहुत ही बुद्धिमान जानवर होते हैं, उनकी याददाश्त के साथ-साथ सूंघने की शक्ति काफी तेज होती है. हाथियों ने अगर एक बार धान को खाना शुरू कर दिया तो खाने की लालच में आम लोगों के मकान और खेतों में लगी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. प्रदेश में हाथियों का 16 दल विचरण कर रहा है, जिसमें करीबन 307 हाथी शामिल है. अगर इन हाथियों को धान खाने की आदत पड़ गई तो सरकार इतनी सक्षम है कि आने वाले सालों में भी धान की व्यवस्था कर सकती है.

अकबर ने बताया कि अब तक 09 हाथियों की रेडियो कालरिंग की गई है. हाथी मानव द्वंद रोकने के लिए हाथियों के आगमन की पूर्व सूचना गांवों में वायरलेंस, मोबाइल एवं माइक से मुनादी कर प्रसारित करना एवं ग्रामीणों को हाथियों के साथ साहचर्य बनाने की समझाइस दिया जा रहा है. प्रभावित ग्रामीणों को समय-समय पर मुआवजा भुगतान किया गया है.

वन मंत्री ने बताया कि बहुद्देश्यीय गजराज वाहन के उपयोग से प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुंचाया जा रहा है. आवश्यकतानुसार गांव में हाथी मित्र आदि का गठन किया गया है. आकाशवाणी कार्यक्रम हमर हाथी हमर गोठ के माध्यम से प्रतिदिन सायं 05.30 बजे हाथियों के संभावित विचरण का प्रसारण होता है. इसके अलावा हाथियों के आगमन की जानकारी विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करने इंटरनेट का उपयोग भी किया जा रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने किया था कटाक्ष

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने हाथियों के लिए धान खरीदने पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि यह राज्य सरकार की अद्भुत योजना है. सड़ा हुआ धान 2 हजार क्विंटल धान खरीदा जाएगा. नीलामी में 14 सौ रुपये तक बेच रहे थे. अब क्या मंत्री और अधिकारी धान लेकर जंगल में घूमेंगे? क्या हाथियों को बुला-बुलाकर धान खिलाएंगे? यह पूरी तरह से नाकामी छुपाने का काम है.