रायपुर. प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग जल्द ही पेपरलेस होने जा रहा है. इसके लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. जिसके तहत छत्तीसगढ़ की राजधानी स्थित एक अस्पताल को पेपरलेस बनाया जा रहा है साथ ही इस अस्पताल को चिकित्सा के अधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है.इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर और राजनांदगांव की मान्यता बरकरार रखने हरसंभव कोशिश की जा रही है. जिसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने दी.
स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने अपने निवास पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिसमें विभागीय काम-काज की समीक्षा की गई. इसके अंतर्गत रायपुर में बनाये जा रहे डी.के.एस. सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल के रेनोवेशन कार्य की भी समीक्षा की गई और अधिकारियों को अगले तीन महीने में अस्पताल के रेनोवेशन कार्य को पूरा करने के निर्देश दिये गये. मंत्री ने अस्पताल के लिए निर्धारित सेटअप के अनुरूप भर्ती की कार्रवाई भी प्रारंभ करने को कहा है.
चंद्राकर ने बताया कि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल चिकित्सा सुविधाओं के मामले में आधुनिक होगा. अस्पताल पेपरलेस और उच्च गुणवत्ता के चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित होगा, जिसका फायदा छत्तीसगढ़ की जनता को मिलेगा. उन्होंने इस अस्पताल को पीजी रिसर्च इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित करने पर बल दिया.
बैठक के दौरान चंद्राकर ने नये शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर और शासकीय मेडिकल कॉलेज राजनांदगांव की भी विशेष रूप से समीक्षा की. उन्होंने मेडिकल काउसिंल ऑफ इण्डिया (एमसीआई) के मापदण्ड के अनुरूप सभी जरूरतें समय-सीमा में पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए. जिससे अगले शैक्षणिक सत्र में पूरी क्षमता के अनुरूप बच्चों की भर्ती और पढ़ाई निरंतर हो सके.
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रानू साहू, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध संचालक सर्वेश्वर भूरे, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. ए.के. चंद्राकर, डी.के.एस. अस्पताल के अधीक्षक एवं नोडल अधिकारी डॉ. पुनीत गुप्ता सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.