पाकिस्तान से खबर है कि वरिष्ठ पत्रकार सईद इमरान शौकत (Syed Imran Shafqat) का उनके लाहौर स्थित घर से अपहरण कर लिया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट्स के अनुसार, देश की सेना पर बरसने वाले वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर (Hamid Mir) के भाई आमिर मीर भी बीते करीब 5 घंटे तक गायब रहे.

 हामिद मीर ने ट्वीट कर अपने भाई को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने इसमें बताया है, ‘एफआईए की साइबर क्राइम विंग ने लाहौर से सुबह के समय पत्रकार आमिर मीर का अपहरण कर लिया है. उनसे उनका फोन और लैपटॉप छीन लिया गया. हमें पांच घंटे बाद उनकी लोकेशन के बारे में पता चला. एफआईए ने एक अन्य पत्रकार सईद शौकत इमरान को भी लाहौर से सुबह के समय गिरफ्तार कर लिया है.’ अपने इस ट्वीट के साथ मीर ने हैशटैग प्रेस फ्रीडम लिखा है.

टीवी 9 की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर लोग इन अपहरण के लिए खुफिया एजेंसी आईएसआई को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. इसके साथ ही पत्रकारों को पकड़े जाने के तरीके की भी खूब आलोचना हो रही है. पीपीपी पार्टी की नेता शैरी रहमान ने कहा है, ‘पत्रकारों को इस तरह से ‘पकड़ना’ स्वीकार्य नहीं है. उनपर किन अपराधों का आरोप है? कानून की प्रक्रिया क्या है? वीकेंड पर किसी को पकड़ने का सीधा मतलब यही है कि उन्हें सोमवार तक जेल में रखा जाएगा. हम कानून में स्पष्टता की उम्मीद करते हैं कि आमिर मीर और इमरान शौकत को क्यों गिरफ्तार किया गया है.’

 पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर जून महीने में तब चर्चा में आए जब उन्होंने पाकिस्तान की सेना को ललकारा. मीर ने पत्रकारों पर होने वाले हमलों से परेशान होकर कहा था कि जो कोई भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसकी पहचान उजागर की जानी चाहिए. उन्होंने एक भाषण में कई बार पाकिस्तानी सेना की मिलीभगत को लेकर कई शब्दों का जिक्र किया. उन्होंने सैन्य प्रमुख कमर जावेद बाजवा तक का नाम ले लिया था. हामिद मीर ने कहा था कि आप हमारे घर पर हमला करने के लिए घुसते हैं, तो ठीक है लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि आपके पास तो टैंक और बंदूके हैं. लेकिन हम उन चीजों को सार्वजनिक कर सकते हैं, जो आपके घरों में हो रही हैं. उनके ऐसा कहे जाने के बाद सरकार ने उनके शो तक पर रोक लगा दी थी.