रायपुर, मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल को जीरम मामले में एनआईए को सबूत दिये जाने की सलाह पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि जीरम मामले की जांच के नाम से ही रमन सिंह घबरा क्यों जाते हैं? एनआईए अपनी जांच पूरी करके जांच रिपोर्ट जमा कर चुकी है. एनआईए ने अपने जांच के दायरे में घटना के षड़यंत्र के पहलू को नहीं रखा था.

राज्य सरकार ने जो जांच आयोग बनाया है उसकी जांच की परिधि में भी घटना का षड़यंत्र नहीं रखा गया है. ऐसे में इस घटना के षड़यंत्र के सबूत किसे दिया जाये? क्या सौदान सिंह को सबूत दें?

जीरम के शहीदों के परिजनों ने नेता प्रतिपक्ष टी.एस.सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. तब उन्होने आश्वासन दिया था कि 1 माह के अंदर केन्द्रीय गृहमंत्री से मुलाकात करवायेंगे. 2 साल बीत गया आज तक मुलाकात क्यों नहीं करवायी गयी. विधानसभा में जब जीरम कांड की सीबीआई जांच कराने की मांग उठी तब पक्ष और विपक्ष के सभी सदस्यों ने इस मांग का समर्थन किया था. सत्ता पक्ष और मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने सदन में पटल पर सीबीआई जांच की घोषणा की थी लेकिन आज तक सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है.

सरकार सार्वजनिक करे कि इस मामले की जांच सदन में घोषणा के बाद क्यों नहीं करवायी गयी? विधानसभा में घोषणा के बाद और पीड़ित परिवार से वायदा करने के बाद यदि जांच नहीं करवाई जाती है, इसी से साफ है दाल में काला नहीं है पूरी की पूरी दाल ही काली है.जिस दिन घटना हुई थी उस दिन रमन सिंह की पहली प्रतिक्रिया आयी थी कि बड़ी चूक हुई है. रमन सिंह ने इस चूक के बारे में एनआईए को क्यों नहीं बताया? आज तक न्यायिक आयोग के समक्ष उन्होंंने अपनी सरकार की इस चूक के बारे में कुछ क्यों नहीं बताया?

छत्तीसगढ़ की जनता जानना चाहती है रमन सिंह की वो कौन सी चूक थी जिसके कारण प्रदेश की जनता और कांग्रेस ने अपने होनहार नेताओं की एक पूरी पीढ़ी को खो दिया था। जनमानस के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि भाजपा सरकार की जानकारी में था कि कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा दुर्गम और घनघोर नक्सल इलाके से गुजरने वाली थी. सरकार की यह भी जानकारी में था कि इस यात्रा में उक्त तिथि को तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष शहीद नंदकुमार पटेल, शहीद विद्याचरण शुक्ल, शहीद महेंद्र कर्मा सहित उच्च सुरक्षा प्राप्त विपक्ष के सारे नेता शामिल होने थे फिर किसके इशारे पर परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को जानबूझकर कम किया गया?