राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश नहीं दिए जाने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गई है। कांग्रेस के आदिवासी विधायक कांतिलाल भूरिया ने सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि पूरे जिलों में 144 धारा लगा दी। पांच से ज्यादा आदिवासियों के इकट्ठा होने पर गिरफ्तार करने के निर्देश हैं। इससे आदिवासियों में आक्रोश है। सरकार आदिवासी विरोधी है। भूरिया के अलावा आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि जो आदिवासी कार्यक्रम कर रहे हैं उन्हें खदेड़ा जा रहा है।
वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस ने सदन की परंपराओं को तार तार किया है। दिवंगत नेताओं की श्रद्धांजलि में आदिवासी नेता भी थे। आज एच्छिक अवकाश है। कैलेंडर देख लीजिए। कांग्रेस घटिया राजनीति कर रही है। बीजेपी नेता प्रतिपक्ष से पूछना चाहती है आदिवासी- शेड्यूल कास्ट के लिए मुख्यमंत्री रहते क्या काम किया है। बीजेपी की सरकार आदिवासी बच्चों को विदेशों में पढ़ने भेज रही है। 15 नवंबर जनजातीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उस दिन भी अवकाश रहेगा।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अध्यक्षजी ने कहा था श्रद्धांजलि के बाद इस पर चर्चा करें। उसके लिए समय दिया था।
वहीं कैबिनेट मंत्री और आदिवासी नेता बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि ये कहना गलत है कि आज अवकाश नहीं दिया गया। आज ऐच्छिक अवकाश है। दुखी होकर मैंने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था। कांग्रेस के इस कृत्य की निंदा करता हूं।
वन मंत्री विजय शाह ने कहा कि कुछ लोग बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताने का प्रयास कर रहे हैं। मैं सात-आठ बार का एमएलए हूं।लेकिन श्रद्धांजलि में अब तक कोई आपत्ति नहीं आई। श्रद्धांजलि देने में नेता प्रतिपक्ष नाकाम साबित हुए। कांग्रेस ने 10 साल के कार्यकाल में निजी कॉलेजों में आदिवासी बच्चों को पढ़ने तक का मौका नहीं दिया। जबकि बीजेपी ऐसे बच्चों की फीस भर रही है।
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