नागपुर। देश का चर्चित रेड लाइट एरिया ‘गंगा-जमुना’ बीते दस दिनों से बंद है. इसके बाद से ही बिना कोई पूर्व सूचना और पुनर्वास किए बिना कार्रवाई करने के विरोध में यौनकर्मी और उनके समर्थन में आए जनप्रतिनिधि प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर आसपास में रहने वाले लोग माहौल खराब होने का हवाला देते हुए इलाके को बंद रखने की बात कह रहे हैं.
बताया जाता है कि ब्रिटिश काल से अस्तित्व में आई गंगा-जमुना बस्ती में एक समय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र समेत कई अन्य प्रांतों में तीन से चार हजार महिलाएं जिस्म फरोसी का कारोबार किया करती थीं, लेकिन आज यह संख्या घटकर 500 से 700 रह गई है.
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कोरोना की वजह से पहले ही कारोबार नहीं होने के बीच बीते बुधवार शाम को पुलिस ने अचानक भारी फोर्स लगाकर बस्ती को सील कर दिया. इसके साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी है कि क्षेत्र के बाहर से आने वाले ग्राहकों के खिलाफ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी. इसके चलते अपना शरीर बेचकर पेट भरने वाली महिलाओं में नाराजगी बढ़ गई है.
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