राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. एसटीएफ ने गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरोह ने अबतक देश भर के करीब 150 छात्रों का अपना निशाना बना चुके हैं. करीब डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.

दरअसल, ये आरोपी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने का झांसा देकर छात्रों के साथ ठगी करते थे. गिरफ्तार दोनों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं. आरोपी नीट की परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों का वेबसाइट से डेटा खरीदकर उन्हें और उनके परिजनों से संपर्क करते हैं.

इसे भी पढ़ें : यहां फिर नाबालिग के खरीद-फरोख्त का मामला आया सामने, पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

एसटीएफ ने आरोपी संदीप करवरिया और दीपक कुमार को बिहार से गिरफ्तार किया है. 2013 से एडमिशन के नाम पर ठगी का गोरखधंधा चल रहा था. आरोपी संदीप और दीपक खुद को असिस्टेंट प्रोफेसर बताते थे. गिरफ्तार दोनों आरोपी इंजीनियरिंग की पढ़ाई  कर चुके हैं. यह भी बताया जा रहा है कि गिरोह के 6 सदस्य अभी फरार हैं.

इसे भी पढ़ें : प्रदर्शन में भैंस के आगे बीन बजाना युवक कांग्रेस को पड़ा भारी, कई कार्यकर्ताओं के खिलाफ पशु क्रूरता का मामला दर्ज

बता दें कि शनिवार को दोनों ठगों को पूर्णिया सीजेएम कोर्ट में पेश कर पांच दिन के ट्रांजिट रिमांड पर भोपाल एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की टीम भोपाल लेकर पहुंची. रीवा जिला के मऊगंज निवासी विवेक कुमार मिश्र ने रीवा पुलिस अधीक्षक को शिकायत की थी कि गांधी मेडिकल कालेज भोपाल एवं लोकमान्य मेडिकल कालेज साइन बाम्बे में बेटे प्रतीक को प्रवेश दिलाने के नाम पर संदीप करवारिया, देवराज मिश्र, चौहान, पोंटिल, राकेश वर्मा पर 36 लाख रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया था. आरोपियों ने भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर अलग-अलग किस्तों में कुल 36 लाख रुपए उनसे ठग लिए. इस शिकायत पर एसटीएफ ने आरोपियों खिलाफ FIR दर्ज की.

इसे भी पढ़ें : पूर्व CM कमलनाथ ने अधिकारी-कर्मचारियों को दी चुनौती, कहा- BJP का बिल्ला लेकर काम मत करो! मंत्री ने इस बयान को बताया शर्मनाक

पकड़ में आए दोनों ठगों ने भोपाल एसटीएफ के समक्ष इस बात का पर्दाफाश किया है कि देश के अमूमन हर राज्य में इनके एजेंट हैं। इन एजेंटों का काम मेडिकल कालेज में नामांकन के लिए छात्रों को फंसा कर लाना है. देश के अलग-अलग मेडिकल कालेजों में नामांकन के लिए इन ठगों द्वारा अलग- अलग फीस भी वसूली जाती थी. नामांकन के नाम पर 30 लाख से लेकर 80 लाख रुपये तक लिए जाते थे.

इसे भी पढ़ें : ये लापरवाही पड़ेगी भारी: वैक्सीनेशन सेंटर पर उड़ाई जा रही कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां, टीका लगने से पहले नहीं हो रही वाईटल्स की जांच

ठगी का आरोपित संदीप पिछले पांच वर्षों से पटना में रह रहा था. इसके पूर्व वह दस वर्षों तक भोपाल में रहकर मेडिकल में नामांकन कराने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का संचालन करता रहा. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले का रहने वाला है. उसके साथ गिरफ्तार मधुबनी जिले का रहने वाला दीपक कुमार भी कई वर्षों से इस ठगी के खेल में शागिर्द था. भोपाल में रहने के दौरान भी उसने कई छात्रों से नामांकन के नाम पर ठगी की थी.

इसे भी पढ़ें : सड़कों पर सियासत: कांग्रेस ने लगाया सरकार पर पेंचवर्क ठीक तरह से न होने का आरोप, मंत्री बोले- 10 दिन में दुरुस्त होंगी सड़कें