रायपुर। शीर्षकर पढ़कर ऐसा आप जरुर सोच रहे होंगे कि ऐसा शीर्षक क्यों दरअसल थर्ड जेंडर के साथ होने वाले भेदभाव को मिटाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कई तरह का कार्य कर रही है. चाहे मतदाता सूची में नाम जोड़ना हो, उनके लिए सरकारी नौकरी में आरक्षण जैसे काम कर रही है लेकिन पुलिस और छात्रावास में एक थर्ड जेंडर के साथ ऐसा बर्ताव हुआ कि वह सरकार के लिए किसी घाव से कम नहीं है.

ये दर्द एक ऐसी किन्नर का है जो नाच-गाकर या शादी-पार्टी में जा कर अपना दामन नहीं फैलाना चाहती. ये चाहती है एक आम महिला एक आम इंसान की तरह मेहनत कर अपना जीवन यापन करना लेकिन हर बार की तरह किन्नर होना उसके सामने एक अभिशाप की तरह आ जाता है.

दरअसल छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जब एक छात्रावास में किन्नर का बनाया हुआ खाना छात्रों ने खाने से इंकार कर दिया. इंकार करने की वजह एक ऐसा अंधविश्वास जो कि पढ़े लिखे समाज में एक धब्बे की तरह है, अंधविश्वास यह कि अगर किन्नर का बना हुआ खाना खाएंगे तो अगले जन्म में किन्नर बन जाएंगे.

देविका पिछले नौ महिने से इस निजी छात्रावास में कुक का काम कर रही थी, उसके पहले उसे इस तरह की कोइ परेशानी नहीं हुई. लेकिन पिछले कुछ महिनों से कुछ छात्रों ने इस बात को लेकर हंगामा शुरु कर दिया कि वो एक किन्नर के हाथ का बना खाना नहीं खाएंगे.

 

इतना ही नहीं ये छात्र उस पर बेहद ही भद्दे और अश्लील कमेंट भी किया करते थे. देविका ने इसकी शिकायत छात्रावास के केयर टेकर से की लेकिन वे छात्रों को समझाने की बजाय उल्टा उसे ही काम से निकाल दिया.

पुलिस ने भी किया दुर्व्यवहार
समाज के इस दोहरेपन से लड़ाई लड़ने के लिए जब वह थाना पहुंची तो न्याय के पैरोकार बनने वाली इस पुलिस ने भी ज़ख्म में नमक मिर्ची छिड़कने का ही काम किया. थाना में मौजूद पुलिस कर्मी ने कहा कि अगर छक्का को छक्का कहा गया तो इसमें बुरा मानने जैसी कोई बात नहीं हैं, आदमी को भी आदमी कह दिया जाता है.

यह दर्द हर उस देविका का है जिसका जन्म एक आम परिवार में हुआ लेकिन जन्म के बाद या कुछ दिन बाद उसे माता-पिता ने शर्मिंदगी की वजह से घर से निकाल दिया या फिर कहीं ले जा कर छोड़ दिया जाता है. देविका के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था.

हालांकि सरकार ने किन्नरों के साथ समाज में होने वाले भेद-भाव को दूर करने के लिए उन्हें थर्ड जेंडर का नाम दिया लेकिन सच तो यही है जो आज देविका के साथ हुआ और उसके जैसी न जाने कितनी देविकाओं के साथ यह रोज ही होता है.