प्रदीप सिंह ठाकुर, देवास। एक आदमी जिंदगी भर की कमाई अपने बच्चों पर लगाता है और एक महिला अपने बच्चों का पोषण करती है. ऐसा माना जाता है कि बेटे वंश को बढ़ाते हैं और माता-पिता के बुढ़ापे की लाठी बनते हैं, लेकिन जब वही बेटा हैवान बन जाएं तब वो माता-पिता कहां जाए? आपने देवी मां की आरती वो लाइन तो सुनी ही होगी ‘पूत कपूत सुने हैं पर न माता सुनी कुमाता’ ये लाइन बिल्कुल सही लिखी गई है, लेकिन यह लाइन के ठीक विपरीत मध्य प्रदेश के देवास जिले में हुआ है. जहां मां-बाप ने अपने कपूत पुत्र से प्रताड़ित होकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली.

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दरअसल, यह हृदय विदारक घटना देवास के पुंजापुरा की हैं. जहां अपने इकलौते बेटे से परेशान हो चुके माता-पिता ने मजबूर होकर आत्महत्या का कदम उठा लिया. इस घटना की खबर के बाद पूरे क्षेत्र में मातम सा छा गया. जानकारी के मुताबिक पुंजापुरा निवासी 50 वर्षीय ताराचंद राजपूत व उनकी 45 वर्षीय पत्नी ममता राजपूत ने अपने ही इकलौते बेटे गोपाल की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खा लिया. उपचार के लिए दोनों को इंदौर ले जाया गया, लेकिन उन्होंने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया. पोस्टमार्टम के बाद शाम को पुंजापुरा में उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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बताया जा रहा है कि गोपाल अपनी गलत आदतों की वजह से कर्ज लेता रहता था. इतना ही नहीं उसे जुए-सट्टे की भी लत थी. इसके लिए वह घर, दुकान के गल्ले व बैंक खाते से रुपए निकाल लेता था. ताराचंद व ममता ने अपने बेटे को सुधारने की बहुत कोशिशें की और उसके पीछे लाखों रुपए बर्बाद कर उसे काम धंधे में लगाने का प्रयास भी किया, लेकिन अपनी बुरी आदतों के चलते उस पर अपने माता-पिता की बातों का कोई असर नहीं हुआ. अपने कपूत बेटे के आवारापन व समाज में हो रही बदनामी के डर से उन्होंने जहर खाकर अपनी जान दे दी. घटना के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई हैं.

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