Chhattisgarh की बड़ी खबर:  वीरेंद्र गहवई. बिलासपुर. वन विभाग बिलासपुर की टीम ने पैंगोलिन शल्क के साथ झारखंड के दो तस्कर को गिरफ्तार किया है. टीम ने रणनीति के तहत ग्राहक बनकर पहले सौदा किया. जिसके बाद तस्कर जैस ही झारखंड से बिलासपुर पहुंचे उन्हें बस से उतरते ही पकड़ लिया गया.

 वन विभाग कानन पेंडारी जू की टीम ने बुधवार की सुबह जशपुर से बिलासपुर पहुंचने वाली बस से झारखंड के दो लोगों को पैंगोलिन शल्क के साथ गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि टीम के सदस्य शल्क खरीदने के लिए ग्राहक बनकर पहुंचे.

करीब 15 दिन से लगातार संपर्क किया जा रहा था. इसके बाद आठ सितंबर की तारीख तय हुई. इसी के आधार पर दोनों आरोपित शहर पहुंचे. टीम के सदस्य और वन अफसर पहले से बस स्टैंड में मौजूद थे. बस से उतरते ही दोनों को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों को देख दोनों तस्कर ने भागने का पूरा प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली. गिरफ्तार करने के बाद दोनों तस्करों से करीब दो से ढाई किलो शल्क जब्त किया गया है.

जाने क्या कहा अधिकारियों ने

आरएफओ जितेंद्र साहू ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी झारखंड के रहने वाले हैं पहले का नाम मुकेश साहू है जो सिमडेगा झारखंड का रहने वाला है जो पेशे से दूध विक्रेता है.

तो वहीं दूसरे का नाम दिलीप डुंगडुंग है जो भी सिमडेगा झारखंड का रहने वाला है और पेशे से ड्राइवर है. टीम ने इन्हें पकड़ने के लिए ग्राहक बनकर 90 हजार रुपये में सौदा किया था. बताया गया कि बाजार में यह करीब 60 से 70 हजार रुपये किलो में बिकता है.

पैंगोलिन के शरीर के उपरी भाग जो उभरा-उभरा मछली के कांटा समान होता है उसे ही शल्क कहा जाता है. पकड़े गए आरोपियों के विरुद्ध वन्य जीव हत्या एवं वन्य अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है.

वन विभाग की टीम के अलावा पकड़े गए तस्करों से भी बातचीत की गई. जिन्होंने बताया कि इन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से ग्वालियर का रहने वाला राहुल नामक शख्स ने इनसे संपर्क किया और उन्हें प्रत्येक किलो साल के बदले 60 हजार रुपए देने का वादा भी किया था.

इसलिए इन्होंने झारखंड के ग्रामीणों से संपर्क कर उन्हें कुछ पैसे देने के एवज में उनसे 2 किलो शल्क लिया और उसे बेचने बिलासपुर शहर आ पहुंचे. जिसकी भनक मुखबिर के माध्यम से वन विभाग की टीम को लग गई और उन्होंने रणनीति के तहत कार्य करते हुए तस्करों को धर दबोचा.