सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों (irregular employees) ने मोर्चा खोल दिया है. नियमितीकरण की मांग (demand for regularization) को लेकर कर्मचारी CM हाउस घेराव के लिए निकले थे, लेकिन CM हाउस घेराव (CM House) करने निकले अनियमित कर्मचारियों को पुलिस ने रोक लिया. इस बीच पुलिस और कर्मचारियों के बीच जमकर धक्का मुक्की (Police and staff scuffle) हुई. संघ के अध्यक्ष ने कहा कि 10 दिन में नियमित करने का था वादा, ढाई साल बाद भी पूरा नहीं हुआ है. इसलिए कर्मचारी संघ धरना प्रदर्शन (employees union protest) कर रहा है.

नियमितीकरण की मांग पर डटे कर्मचारी

दरअसल, छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों हड़ताल पर हैं. संघ के अध्यक्ष रवि गडपाले ने कहा कि प्रदेश में 1,80,000 अनियमित कर्मचारी हैं, जिनकी नियमितीकरण की मांग को लेकर आज फिर मोर्चा खोला गया है.

चरणबद्ध तरीक़े किया जा रहा आंदोलन

अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध तरीक़े से सात चरणों में आंदोलन किया जाएगा. ये तीसरा चरण है, जिसमें CM हाउस का घेराव के लिए रैली निकाली गई है. इससे पहले मशाल रैली निकाली गई थी. उसके बाद दूसरे चरण में सभी जल समाधि लिए थे. आज घेराव कर मुख्यमंत्री को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जाएगा.

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अनियमित कर्मचारियों को नियमित की मांग

वहीं आंदोलन को समर्थन देते हुए प्रदेश के तृतीय वर्ग सरकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय झा ने कहा कि जब तक अनियमित कर्मचारियों को नियमित नहीं किया जाएगा. इस पूर्व में किया वादा सरकार के द्वारा पूरा नहीं किया जाएगा, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

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न्यूनतम वेतन में पांच साल से नहीं हुई वृद्धि 

साथ ही प्रदेश सरकार को याद दिलाते हुए कहा गया कि 14 फ़रवरी 2019 गांधी मैदान रायपुर में आपके घोषणा से लाखों में अनियमित कर्मचारी आज भी आशान्वित हैं. आपके द्वारा गठित कमेटी के द्वारा अनियमित कर्मचारियों के हित में कोई कार्रवाई नहीं क़ी गई है. दो साल से वेतन वृद्धि किया जाना है, जो अब तक नहीं हुआ है. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के न्यूनतम वेतन में पांच साल से वृद्धि नहीं की गई है.

साथ ही हमारी मांग है कि सीधी भर्ती के पदों पर अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाए. समायोजन किया जाए. प्राथमिकता दी जाए, जब तक नियमितीकरण नहीं होता है, तब तक संविदा, दैनिक वेतनभोगी, प्लेसमेंट, मानदेय, अंशकालिक, ठेका, कर्मचारियों का समायोजन करने के साथ छंटनी रोका जाए. वेतन में वृद्धि की जाए यही हमारी मांग है.