सत्यपाल सिंह राजपूत. रायपुर. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना स्थल में हड़ताल में बैठे कोरोना योद्धाओंने एक बड़ा और चिंताजनक बयान दिया है. हड़ताली कोरोना योद्धाओं का कहना है कि हिंसा का मार्ग चुनो नक्सली बन सरेंडर करो सरकार नौकरी देगी. उनका कहना है कि सेवा का मार्ग चुनो कोरोना योद्धा बनो सरकार बेरोजगारी देगी. बता दें कि कोरोना योद्धाओं को हड़ताल का 30 वां दिन है.
बस्तर में कोरोना काल के दौरान अपनी सेवा देने वाले अस्थाई स्वास्थ्यकर्मी नवीन ध्रुव ने बताया कि बस्तर में युवा नक्सली क्यों बनते हैं ? क्योंकि जो हिंसा का मार्ग अपनाकर नक्सली बनते हैं हिंसक वारदातों को अंजाम देते हैं और जब वह सरेंडर करते हैं तो सरकार उन्हें नौकरी देती है. लेकिन हम जैसे पढ़े लिखे युवा कोरोना जैसी महामारी में सेवा का मार्ग चुन लोगों की सेवा की है, जान जोखिम में डालकर लोगों की जान बचाई है. लेकिन कोरोना की रफ्तार कम होने पर सरकार हमें बेरोजगार कर रही है. तो ऐसे में बस्तर का युवा करें तो करें क्या ? सेवा का मार्ग चुने की हिंसा का ??
कहा- सरकार की नियत स्पष्ट तो करें, तुरंत सेवा वृद्धि का आदेश जारी
क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ के प्रदेश अध्यक्ष हुमेश जायसवाल ने कहां कि अगर सरकार का नियमितीकरण का उद्देश्य स्पष्ट है तो तत्काल सेवा वृद्धि के आदेश जारी करें अगर सरकार को वित्त विभाग औऱ अन्य प्रशासनिक कार्यों के लिए समय चाहिए तो हम 3 माह के लिए फ्री में सेवा देने के लिए तैयार. लेकिन तत्काल सरकार उन्हें सेवा वृद्धि के आदेश जारी कर हमारी मांगों को पूरा करें.
बता दें की कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सेवा देने वाले अस्थाई स्वास्थ्यकर्मी सेवा वृद्धि की मांग को लेकर क्रांतिकारी कोरोना योद्धा संघ के बैनर तले पिछले 30 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. हालांकि सरकार ने उनकी नियमितीकरण एवं शर्तों पर स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है. लेकिन फिर भी स्वास्थ्यकर्मी धरना प्रदर्शन स्थल पर डटे हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी तब तक वह यहां से हटने वाले नहीं हैं.