चंडीगढ़। पर्यावरण को पॉल्यूशन फ्री बनाने के लिए दुनिया भर में लोग आज विश्व कार फ्री डे मना रहे हैं. चंडीगढ़ के कलाकार विजयपाल ने भी अनोखी साइकिल बनाई है और लोगों को प्रदूषण मुक्त वातावरण का संदेश दिया है. उन्होंने इस साइकिल को बनाकर लोगों को साइक्लिंग करने के लिए प्रेरित किया है.

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साइकिल देखकर लोग होंगे प्रेरित

 

विजय पाल ने 15 फीट ऊंची अनोखी साइकिल सेक्टर-36 स्थित कला सागर में तैयार की है. इसे जल्द सेक्टर-17-23 और 16 के चौक पर स्थापित किया जाएगा. वहां यह साइकिल लोगों को रोजमर्रा के काम करने के लिए कार को छोड़कर साइकिल का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए मोटिवेट करेगी. सबसे बड़ी विशेषता यह है कि साइकिल बेकार सामान यानी वेस्ट मटीरियल से तैयार की गई है.

 

20 फीट लंबी और 15 फीट ऊंची साइकिल

 

ये साइकिल 20 फीट लंबी और 15 फीट ऊंची है. इस साइकिल को देखने के लिए लोगों के कदम खुद ब खुद रुक जाते हैं.

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स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में तैयार हुई साइकिल

 

कलाकार विजय पाल ने बताया कि शहर में साइकिल कल्चर को प्रमोट करने के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट चंडीगढ़ ने इस साइकिल का प्रोजेक्ट तैयार किया था. इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कई लोगों को चुना गया, लेकिन उनके लिए इतनी लंबी और चौड़ी साइकिल बनाना मुश्किल था. जैसे ही यह प्रोजेक्ट उनके पास आया, सबसे बड़ी परेशानी साइकिल के टायरों को लेकर आई, क्योंकि इसकी ऊंचाई 15 फीट रखनी थी. इसके लिए टायर की ऊंचाई कम से कम 5 से 8 फीट होनी जरूरी थी.

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इस काम में रिटायर्ड शिक्षक महेंद्र कौर ने भी सहयोग किया. उन्होंने साइकिल के टायर तलाश करके दिए. टायर मिलने के बाद चार महीनों में उन्होंने बेकार सामान से साइकिल बनाकर दी.

 

प्रशासक चौक पर करेंगे साइकिल की स्थापना

 

विजय पाल ने बताया कि साइकिल को जल्द ही शहर के प्रशासक चौक पर स्थापित करेंगे, ताकि लोग साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित हो सकें. वे खुद स्वस्थ रहने के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषण मुक्त रख सकें.

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23 सालों में खड़ा किया कला सागर

 

कला सागर की स्थापना पर विजय गोयल ने बताया कि वह सेंटरी कॉन्ट्रैक्टर हैं. चेनी बेरी का बहुत सारा सामान ऐसा होता है, जिस पर एक दरार पड़ने के बाद उसका कोई इस्तेमाल नहीं रहता. उसे रिसाइकिल भी नहीं किया जा सकता. ऊपर से वो जमीन को बंजर बनाता है. उसी सामान को जोड़-तोड़कर कला सागर के अंदर सैकड़ों कलाकृतियां बनाई गई हैं.

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यह कलाकृतियां चंडीगढ़ में आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करती हैं. विजय ने बताया कि कला सागर की शुरुआत सेक्टर-10 स्थित लेजर वैली से हुई थी. वहां पर तीन साल रहने के बाद सेक्टर-36 में ट्रांसफर किया गया. कला सागर के अंदर हर कलाकृति बेकार सामान से बिना रेत और सीमेंट के तैयार की गई है, जो खुद में अनोखी कला है.