दीपक ताम्रकार, मंडला। मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों के लिए लगा एक रेजूवेशन कैंप लोगों के बीच काफी सुर्खियां बटोर रहा है. इस कैंप में बारहों महीने पार्क में पैट्रोलिंग करने वाले एक दर्जन से अधिक हाथियों को एक सप्ताह तक किसी मेहमान की तरह ट्रीट किया जा रहा है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वन विभाग के अधिकारी खुद हाथियों की सेवा में लगे हैं. इस दौरान दिन में दो बार हाथियों की मालिश, दिन भर मसाज और खाने में स्वादिष्ट फल और रसीले फलों के जूस दिए जा रहे हैं.

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वन विभाग के अधिकारियों ने फल और व्यंजनों के साथ अपने मेहमानों के अगवानी की तैयारी जोर-शोर से की. वह मेहमान कोई और नहीं साल भर पार्क में पैट्रोलिंग करने वाले हाथी हैं. जहां देश की सब से विख्यात वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में साल भर सेवा देने वाले हाथियों की खातिरदारी की तैयारी कर रहे हैं. यहां हाथियों के लिए गुड़ रोटी से लेकर कई तरह के फलों के इंतजाम किए गए हैं. हाथी को स्वादिष्ट व्यंजन देने के पहले उन्हें नहलाया जाता है. इतना नहीं वन अमला उनकी मालिश भी करता है.

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दरअसल, यह साल में एक बार लगने वाले रिजुवेशन कैंप के दौरान होता है. जिसका उद्देश्य जंगलों की सेवा में तैनात गजराज को सेहत के साथ फिर सेवा के लिए तैयार करना होता है. इस शाही खातिरदारी से गजराज भी मस्ती में मस्त दिखते नजर आते हैं.

एसीएफ कान्हा टाइगर रिजर्व सुनील सिंह का कहना है कि पूरे साल ये हाथी जंगल में सेवा देते हैं. बारिश में जब पार्क बंद हो जाता तो हम एक रिजर्वेशन कैंप के जरिए इन्हें पूरा आराम देते हैं. दिन में दो बार हाथियों की मसाज उन्हें नहलाना और इसके साथ ही उन्हें पसंद आने वाला भोजन फल सब कुछ दिया जाता है, ताकि हाथी जो साल भर जंगल में सुरक्षा का काम करते हैं उन्हें यह 7 दिन नई स्फूर्ति दें.

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बता दें कि साल भर हाथियों के साथ जंगल में काम करने वाले महावत अब भी उनकी सेवा में लगे हैं. जिन हाथियों पर सवार होते हैं उनकी मालिश, साज-सज्जा और सेवा में जुटे ये महावत बताते हैं कि इस कैंप के बाद गजराज भी मस्ती में आ जाते हैं. महावत का कहना है कि हम यहां हाथियों को नहला रहे हैं. इसके बाद इनकी मालिश की जाएगी. डॉक्टर आकर भी 7 दिन जांच करता है इस कैंप के बाद हमारे हाथी और भी स्वस्थ और मस्त हो जाते हैं.

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