रायपुर. आईजी प्रदीप गुप्ता और एसपी संजीव शुक्ला ने साल 2017 में राजधानी में घटित अपराधों का वार्षिक विवरण प्रस्तुत किया. पुलिस अधिकारियों ने अपराधों को 18 वर्ग में विभाजित कर उनका तुलनात्मक लेखा-जोखा पेश किया. एसपी संजीव शुक्ला ने 2016 की तुलना में 2017 के अपराध के ग्राफ को कम बताया. वहीं बीते वर्ष घटित महत्वपूर्ण अपराधों की सिलसिलेवार जानकारी दी. आईजी प्रदीप गुप्ता ने ने मिशन सिक्योर सिटी की जमकर तारीफ की. वहीं आगामी वर्षों में पुलिस और जनता के बीच बेहतर समन्वय के साथ काम करने की बात भी कही.

आईजी प्रदीप गुप्ता ने बीते वर्ष राजधानी में एसबीआई में हुई नकबजनी की घटना को सबसे अधिक चुनौतीपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी इतने शातिर थे कि राज्य में प्रवेश करने से पहले ही उन्होंने मोबाइल यूज करना बंद कर दिया था. अपराधियों ने कोई भी क्लू नहीं छोड़ा. पुलिस की टीम को इस घटना के खुलासे के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. कई रातों तक जागकर इस मामले का पर्दाफाश करने में लगी पुलिस को गैस सिलेंडर जैसा एक मामूली क्लू मिला. जिसके बाद परत-दर-परत कड़ी खुलती गई और बीते साल के सबसे बड़े मामले का आख़िरकार पर्दाफाश हो गया.

और जब असहज हुए एसपी

एसपी संजीव शुक्ला पुलिस विभाग की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते समय उस वक्त असहज हो गए. जब वे पुलिस की तत्परता और त्वरित कार्रवाई की बात कर रहे थे. इस बीच पत्रकार विनोद वर्मा की 10 घंटे में की गई गिरफ्तारी को उन्होंने उपलब्धि बताया. वहीं जब इस मामले में 60 दिनों के भीतर भी चालान पेश नहीं कर पाने का सवाल पूछा गया तो वे बेहद असहज हो गए. वे इस मामले का ठोस जवाब नहीं दे पाए. इस बीच यह पूछे जाने पर कि क्या इस मामले की कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जायेगा. इस सवाल पर भी एसपी ने अचानक चुप्पी साध ली. मामले को संभालते हुए आईजी ने हंसकर कहा कि हाँ उन्हें पुरस्कार दिया जायेगा.

देखिए तुलनात्मक आपराधिक आंकड़े की सूची…