शरद पाठक, छिंदवाड़ा।  छिंदवाड़ा में खनिज विभाग की मिलीभगत से अवैध खनिज के उत्खनन एवं परिवहन के कई मामले सामने आते रहते हैं. हद तो तब हो गई जब पुलिस, राजस्व और आरटीओ द्वारा जब्त की गई गाड़ियों पर भी खनिज विभाग ने कार्रवाई करने से साफ इनकार कर दिया.

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दरअसल, छिंदवाड़ा का खनिज विभाग अपनी कार्यप्रणाली को लेकर हमेशा ही विवादों में रहता है. कभी-कभी कुछ छुटपुट दिखावे की कार्रवाई को छोड़कर खनिज विभाग द्वारा आज तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण जिला अवैध रेत उत्खनन का गढ़ बन चुका है. यहां से महाराष्ट्र तक रेत की सप्लाई निर्बाध रूप से जारी रहती है. और हर बार खनिज विभाग नियमों का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ देता है.

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बताया जा रहा है कि कल छिंदवाड़ा आरटीओ द्वारा ओवरलोड रेत के 8 डम्पर पकड़े जाने एवं खनिज विभाग को सूचना दिए जाने के बावजूद भी खनिज विभाग द्वारा तकनीकी आड़ लेते हुए उपरोक्त डंपर ऊपर कार्रवाई करने से ही इंकार कर दिया. इसके पहले भी ऐसे कई मामले हो चुके हैं. जहां पर राजस्व की टीम या पुलिस विभाग द्वारा वाहनों को जब्त करके खनिज विभाग को सूचना दी, लेकिन खनिज विभाग द्वारा उन्हें हर बार बिना कार्रवाई किए छोड़ दिया गया.

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खनिज विभाग के नियमों के अनुसार किसी भी वाहन में एक निश्चित मात्रा से ऊपर लोडिंग नहीं की जा सकती, लेकिन वेट और वॉल्यूम के झमेले में फंसा कर हर बार खनिज विभाग इन अवैध कार्यों को कारोबारियों को अभयदान दे देता है. नियमों के तहत हाथ बंधे होने के कारण दूसरा विभाग उस पर पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर पाता है.

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