चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस में मचा घमासान अभी थमा नहीं है. इधर पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने आज फिर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पास कोई पद रहे या ना रहे, वे राहुल और प्रियंका गांधी के साथ बने रहेंगे. विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में मचे घमासान के बीच मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू को मनाने की कोशिश भी की है. हालांकि अभी भी चीजें साफ नहीं हुई हैं.
Will uphold principles of Gandhi Ji & Shastri Ji … Post or No Post will stand by @RahulGandhi & @priyankagandhi ! Let all negative forces try to defeat me, but with every ounce of positive energy will make Punjab win, Punjabiyat (Universal Brotherhood) win & every punjabi win !! pic.twitter.com/6r4pYte06E
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) October 2, 2021
सिद्धू ने शनिवार को ट्वीट किया, ”गांधी जी और शास्त्री जी के सिद्धांतों का पालन करूंगा. पद रहे या ना रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ रहूंगा. सभी नकारात्मक शक्तियों को मुझे हराने की कोशिश कर लेने दो, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा के साथ पंजाब जीतेगा. पंजाबियत (वैश्विक भाईचारा) की जीत होगी और हर पंजाबी जीतेगा.”
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गौरतलब है कि सिद्धू ने DGP इकबालप्रीत सहोता को हटाने की मांग की थी. सरकार का कहना है कि उन्हें सिर्फ एडिशनल चार्ज दिया गया है और कागजों में दिनकर गुप्ता ही DGP हैं, लेकिन वे अभी छुट्टी पर हैं. CM चरणजीत चन्नी से सिद्धू की मीटिंग के बाद 10 नाम UPSC को भेज दिए गए हैं. वहां से 3 नाम फाइनल होंगे, उनमें से कोई एक DGP बनाया जाएगा.
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वहीं नए एडवोकेट जनरल (AG) एपीएस देयोल को हटाना एकदम संभव नहीं है. गवर्नर की तरफ से नोटिफिकेशन जारी होने के बाद उन्हें नियुक्त किया गया है, इसलिए सिद्धू की मांग को देखते हुए रास्ता निकाला गया है कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उससे जुड़े गोलीकांड के केसों की जांच के लिए सरकार नई टीम तैयार करेगी.
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बता दें कि महीनों तक कैप्टन अमरिंदर सिंह से टकराव के बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के दखल से ही नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. लेकिन 18 सितंबर को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाया गया. बताया जाता है कि सिद्धू खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते थे. इसके बाद चन्नी ने अहम नियुक्तियों में भी सिद्धू की राय नहीं ली. इसके बाद सिद्धू ने भी प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
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