कुमार इन्दर, जबलपुर। मध्यप्रदेश हाइकोर्ट में दायर जनहित याचिका में बड़ा खुलासा हुआ है. याचिका में इस बात का पता चला कि मध्यप्रदेश में सूचना के अधिकार का दूर-दूर तक कहीं नियमों का पालन नहीं किया गया. लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष विशाल बघेल द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश सरकार के अंतर्गत आने वाले 53 विभाग सहित कुल 710 सरकारी कार्यालय सूचना अधिकार अधिनियम के तहत कोई भी जानकारी वेबसाइट पर डाली ही नहीं गई. जबकि सूचना के अधिकार 2005 की धारा 4(1)b के अंतर्गत 17 बिंदु के मैनुअल की जानकारी तैयार कर वेबसाइटों डाली जानी थी. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने सरकार से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है.

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सरकारी विभागों में सूचना के अधिकार को शासन स्तर से जिला स्तर तक के सरकारी कार्यालयों मजाक बनाकर रख दिया है. कुल 710 वेबसाइटों में RTI अधिनियम के अंतर्गत सिर्फ 17 प्रतिशत मैन्युअल ही प्रदर्शित किया गया हैं. याचिका में अटल बिहारी बाजपेई नीति एवं विश्लेषण संस्थान की 2018 की एक अध्ययन रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई है. इसके अनुसार सरकार के 53 विभागों में से सिर्फ 20 विभाग मैनुअल तैयार कर प्रदर्शित कर रहे हैं, अधिनियम लागू होने के 15 वर्ष बाद भी उसक पूर्णतया पालन न करने के सरकार के रवैये को याचिकाकर्ता चिंताजनक बताया है.

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याचिका में ये भी मांग की गई है कि केंद्र सरकार की तरह राज्य में भी सूचना के अधिकार के आवेदन देने के लिए ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा विकसित करनी चाहिए. जिससे नागरिक घर बैठे अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल कर चाही गई. जानकारी हासिल कर सके. अब मालमे की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होना है.

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