मुंबई. मुंबई से गोवा जाने वाले क्रूज शिप में चलने वाली ड्रग पार्टी का हिस्सा होने के कारण NCB ने आर्यन खान को हिरासत में लिया गया था. शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान रेव पार्टी में शामिल होने के लिए पिछले 7 दिनों से NCB की गिरफ्त में ही हैं. जब से ये मामला सामने आया है सभी ये सोच रहे हैं कि ड्रग्स ने यूथ के बीच अपनी अच्छी पकड़ बना लिया है.
ड्रग्स दिन ब दिन आज की जेनरेशन को अपने कब्जे में लेता जा रहा है. क्रूज शिप में चलने वाली रेव पार्टी में NCB ने आर्यन खान को पकड़ लिया था. NCB ने इस पार्टी से कई लोगों की गिरफ्तार किया था. इस दौरान इस पार्टी में तमाम तरह के नशीले पदार्थ का इस्तेमाल हो रहा था. आज हम आपको बताते हैं कि रेव पार्टी क्या होती है. और क्यों युवाओं को इसका शौक है.
इसे भी पढ़ें – Aryan Drugs Case : आज होगा फैसला… आर्यन खान मिलेगी बेल या होगी जेल ?
क्या होती है रेव पार्टी
देश भर में आए दिन युवा एक जगह पर मिलकर पार्टी करते हैं. जोश और मौज-मस्ती से भरी महफिल को रेव पार्टी कहा जाता है. इस पार्टी को बेहद खुफिया तरीके से आयोजित किया जाता है और जांच एजेंसियों की नजरों से बचने के लिए काफी सावधानियां भी बरती जाती है. इस रेव पार्टी में लोगों को बुलाने के लिए सोशल मीडिया और कोडिंग भाषा का इस्तेमाल किया जाता है.
बता दें कि पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया का इस्तेमाल रेव पार्टी की जानकारी देने के लिए हो रहा है. रेव पार्टी ऑर्गेनाइज करने वाले सबसे पहले एक छोटा ग्रुप बनाते हैं और लोगों को बुलाने के लिए कोड लैंग्वेज का इस्तेमाल करते हैं. पार्टी में हर किसी को शामिल नहीं होने दिया जाता. कई बार एक-दूसरे के जरिए रेव पार्टी की जानकारी पहुंचाई जाती है.
पार्टी के लिए देनी होती है मोटी रकम
इस पार्टी में शामिल होना इतना आसान नहीं होता है. लोगों को इस पार्टी में शामिल होने के लिए लाखों रुपए देने पड़ते हैं. आमतौर पर रेव पार्टी में ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिसके कारण इसका आयोजन ऐसे इलाकों में किया जाता है, जहां पुलिस के पहुंचने की संभावना न हो या कम हो.
इसे भी पढ़ें – Aryan Khan Drug Case: आर्यन खान समेत 8 आरोपियों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
इस पार्टी में धड़ल्ले से प्रतिबंधित ड्रग्स का इस्तेमाल भी किया जाता है, यहां मौज मस्ती होती है, म्यूजिक और डांस के साथ नशे का दौर चलता है. ड्रग्स तस्करों के लिए इस तरह की पार्टियां आमदनी का बहुत बड़ा अड्डा होती हैं. भारत में रेव पार्टियां ड्रग्स इस्तेमाल करनेवालों और तस्करों का सुरक्षित ठिकाना है.
पहले भी हो चुकीं हैं घटनाएं
बता दें कि 2009 में मुंबई पुलिस की जुहू इलाके में बॉम्बे क्लब पर की गई छापेमारी काफी सुर्खियों में रही थी. पुलिस ने उस समय 246 युवाओं को हिरासत में लिया था. आरोपियों के ब्लड सैंपल में ड्रग्स की पुष्टि भी हुई थी. इसी तरह 2011 में भी रायगढ़ पुलिस ने रेव पार्टी में ड्रग्स के खेल का खुलासा किया था.
खालापुर में रेव पार्टी से जुड़े मामले में एंटी नारकोटिक्स के अफसर अनिल जाधव गिरफ्तार किया गया था. उसके अलावा 275 पकड़े गए लोगों के ब्लड टेस्ट में ड्रग्स का खुलासा हुआ था. 2019 में मुंबई के जुहू स्थित ऑकविड होटल पर भी छापेमारी के दौरान 96 लोग पकड़े गए थे. यहां इस तरह की घटनाएं नई नहीं हैं.
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने की लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक