आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर कमिश्नर ने कुछ महीने पहले बास्तनार में पदस्थ सीईओ आर के कर को बस्तर जनपद सीईओ का पदभार सौंपा गया है, लेकिन आदेश आने से पहले ही जयभान सिंह राठौर पदभार ग्रहण करने पहुंच गए. अब आलम यह है कि जनपद में 2 सीईओ कार्यरत हैं. वहीं दूसरी ओर राठौर की कार्यप्रणाली से पहले से ही नाखुश पंचायत प्रतिनिधियों ने उनके साथ काम करने से इंकार कर दिया है.
दरअसल, ग्रामीणों ने सात महीने पहले बस्तर जनपद सीईओ जयभान सिंह राठौर की कार्यप्रणाली के साथ सरपंच और सचिवों को परेशान करने पर उच्चाधिकारियों से शिकायत की थी. इसमें 14वां वित्त कमीशन एवं अन्य योजनाओं की राशियों को लेकर दबाव बनाने की भी शिकायत की गई थी. सरपंच-सचिव संघ ने स्थानीय विधायक लखेश्वर बघेल के साथ सांसद दीपक बैज से भी शिकायत की थी, जिसके बाद सीईओ को ट्रायबल विभाग में अटैच कर दिया गया था. लेकिन 30 सितंबर 2021 को शासन के आदेश से उनकी पोस्टिंग दोबारा बस्तर जनपद में कर दी गई है.
बस्तर जनपद में पोस्टिंग की सूचना मिलते ही अगले दिन 1 अक्टूबर को जनपद पंचायत अध्यक्ष सहित सचिव संघ ने कमिश्नर, कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ को लिखित शिकायत करते हुए राठौर की पदस्थापना आदेश को निरस्त करने की मांग की. शिकायत में स्पष्ट किया गया कि राठौर की कार्यशैली से सरपंच और सचिव संघ संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्हें हटाया गया था. बावजूद फिर से उन्हें पदस्थ किया गया है, ऐसी स्थिति में कोई भी सरपंच-सचिव उनके साथ काम करने को तैयार नहीं है. सभी ने हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा है, साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी उन्हें हटाने की गुहार लगाई है.
शासन को लिखेंगे पत्र
बस्तर कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र का कहना है कि सरपंच-सचिव संघ ने बस्तर जनपद सीईओ के खिलाफ शिकायत पत्र सौंपा है, जिसमें पहले भी शिकायत के बाद उन्हें हटाया गया था. वर्तमान में उनके अधीन काम करने पंचायत प्रतिनिधि तैयार नहीं है, जिस पर शासन को लिखेंगे.
दोबारा नहीं आना चाहिए
बस्तर प्राधिकरण अध्यक्ष व बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल का कहना है कि प्रशासनिक आदेश से सीईओ जयभान सिंह राठौर दोबारा आए हैं. लेकिन जहां पंचायत प्रतिनिधि सीईओ के काम से संतुष्ट नहीं है, और यदि विरोध कर रहे है, तो ऐसी जगह दुबारा नहीं आना चाहिए.