रायपुर. शिक्षाकर्मियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कभी उनको आन्दोलन के दौरान बर्खास्त कर दिया जाता है तो कभी इन्हें वेतन का भुगतान समय पर नहीं किया जाता. ज्यादातर परेशानी इन शिक्षाकर्मियों से उनके मूल काम को न कराते हुए अन्य काम कराये जाने से होती है.
एक बार फिर इसी तरह का एक आदेश शासन ने निकाला है. जिसके तहत 16 शिक्षाकर्मियों को मतदाता सूची बनाने के काम में लगा दिया गया है. यह आदेश कोरबा पोंड़ी उपरोड़ा के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ने 9 जनवरी को जारी किया है. इस आदेश के जारी होने के बाद शिक्षाकर्मियों ने आदेश का विरोध किया है. छत्तीसगढ़ पंचायत एवं नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने कहा है कि पंचायत संचालक के शिक्षाकर्मियों को किसी भी गैर शैक्षणिक कार्य में संलग्नीकरण न करने के आदेश जारी किए थे. आदेश जारी होने के 1 सप्ताह के भीतर ही शिक्षाकर्मियों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा दिया गया है.
वही संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी विवेक दुबे का कहना है 16 शिक्षकों को फिर से गैर शैक्षणिक कार्यों में लगा दिया गया है. इसका सीधा सा मतलब है कि जिन स्कूलों में वे कार्यरत हैं वहां पर शिक्षा व्यवस्था प्रभावित होगी. जब तक गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को लगाने का सिलसिला बंद नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणवत्ता की बात करना बेमानी है. दुबे ने कहा कि जरूरत इस बात की है कि इस विषय को गंभीरता से लेते हुए पूर्व में और वर्तमान में जारी किए गए आदेश का कठोरता से पालन करवाया जाए.