कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। रामायण काल में सेतु निर्माण के लिए श्रीराम लिख कर पत्थरों को पानी में फेंका गया था तो वह तैरने लगे थे। कुछ ऐसा ही चमत्कार ग्वालियर में देखने को मिला।दरअसल केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर स्मार्ट सिटी द्वारा पुर्नविकसित रिजनल आर्ट एंड क्राफ्ट डिजायन सेंटर पर पहुंचे थे। यहां नेशनल अवार्डी दीपक विश्वकर्मा ने सिंधिया से पत्थर से बनी नाव को पानी मे उतारे का निवेदन किया।
पहले तो सिंधिया यह सुन अचंभित हुए। फिर उन्होंने नाव को बारीकी से देखा परखा ओर पानी में जैसे ही उतारा, वह तैरने लगी। यह देख सिंधिया बोले यह चमत्कार है। बस फिर क्या था सिंधिया औऱ वहां मौजूद लोग सियापति रामचंद्र की जय…. के जयकारे लगाने लगे।
पत्नी और बेटे के साथ पहुंचे थे सिंधिया
इस विशेष मौके पर केंद्रीय मंत्री सिंधिया के साथ सिंधिया की धर्मपत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया और बेटे महाआर्यमन सिंधिया के साथ पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने आर्ट गैलरी, पत्थर कला प्रशिक्षण केन्द्र तथा उसके सम्पूर्ण परिसर को देखा। उन्होंने स्मार्ट सिटी सीईओ जयति सिंह को निर्देश दिए कि यह सेंटर कला को स्थान देने वाला है। लिहाजा ग्वालियर स्टोन मेड का एक मार्क बनाया जाए। इसका व्यापार की जाए। जिससे कलाकारों को उनका मूल्य के साथ आर्थिक मजबूती आएगी।
राष्ट्रपति दीपक को कर चुके हैं सम्मानित
आपको बता दें कि दीपक को राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं। राष्ट्रीय अवार्डी शिल्पकार दीपक विश्वकर्मा ने यह पत्थर की नाव 45 किलो के गवालियर सेंड स्टोन को तराश कर बनाई गई है। इसका वजन लगभग साढ़े चार किलो है। इसे एक सिंगल सेंड स्टोन से बनाया गया है। देश मे यह ऐसा पहला मौका रहा जब पत्थर की नाव को पानी पर तैराया गया है। इस पर दीपक ने कहा कि वह आगे भविष्य में एक काफी बड़ी ऐसी ही नाव बनाना चाहते हैं।