पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जांच के नाम पर 14 घंटों तक किसानों के धान से लदे ट्रैक्टर को रोकना खाद्य विभाग के लिए महंगा पड़ गया. परेशान किसान आक्रोशित हो गए और जांच में सही पाए जाने पर देर रात जमकर हंगामा कर दिया.

किसान इस बात पर अड़ गए कि अधिकारी माफी मांगें. आखिरकार 3 घंटे तक चले हंगामे के बाद खाद्य विभाग के जिला अधिकारी हुलसराम डडसेना ने लिखित माफी मांगी और भविष्य में इस तरह से जांच के नाम पर किसानों को परेशान नहीं करने की बात कही. तब जाकर किसान शांत हुए.

बता दें कि गुरुवार को ओडिशा से अवैध धान रोकने के लिए खाद्य विभाग को रायपुर के उच्चाधिकारियों से निर्देश मिला था. आदेश का पालन करते हुए खाद्य विभाग की टीम कल सुबह ओडिशा की सीमा से लगे झाखरपारा सहकारी समीति पहुंच गई और धान लेकर आए 22 किसानों के 34 ट्रैक्टर को जांच के नाम पर खड़ा करवा दिया.

खाद्य विभाग ने दिनभर जंच करने के बाद शाम 6 बजे किसानों के धान को सही पाया, मगर तब तक किसान आक्रोशित हो गए. किसानों का आरोप था कि अधिकारियों ने उन्हें जानबुझकर दिनभर परेशान किया. किसानों ने कहा कि उनके खेतों की रिपोर्ट से लेकर तमाम जानकारियां जुटाई गईं. पहले तो किसानों ने झाखरपारा में हंगामा किया और फिर देवभोग एसडीएम कार्यालय के सामने सड़क पर लेट गए. इस दौरान कई किसान बेहोश भी हो गए.

खाद्य विभाग और स्थानीय प्रशासन के अड़ियल रवैये के कारण मामला बढ़ता गया और किसानों के लगातार बढ़ते हंगामे को देखते हुए अंत में खाद्य विभाग के जिला अधिकारी हुलसराम डडसेना ने किसानों से लिखित माफी मांगी और भविष्य में इस तरह से किसानों को परेशान नहीं करने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर किसान शांत हुए.