रायपुर. जिमी कांदा के गाने तो आपने अवश्य सुन लिया होगा. मगर आज हम रखिया बरी गाने की बात कर रहे हैं. आप जिमी कांदा फेम पीताम्बर साहू को तो जानते ही होंगे. मौके पड़ गए तो आपने पीताम्बर साहू के साथ सेल्फी भी जरुर ली होगी. कुछ लोगों ने पीताम्बर साहू के जिमी कांदा गाने सुनकर उसे छत्तीसगढ़ का हनी सिंह भी बताने से नहीं चुके. खैर जिमी कांदा की बात तो बहुत हो गई. गाना सुनने के बाद उस विधि को आजमाकर आपने अब तक जिमी कांदा भी खा लिया होगा.

आज यहाँ हम रखिया बरी गाने के वायरल हो रहे वीडियो की बात कर रहे हैं. हालाँकि इस गाने के गायक अब तक गुमनाम हैं. जिमी कांदा के तर्ज पर रखिया बरी के गाने के माध्यम से फायदा गिनाया गया है. फायदा गिनाने के साथ रखिया बरी बनाने की विधि का भी गाने में उल्लेख किया गया है. साथ ही इस गाने की खूबसूरती तब और बढ़ जाती है जब इस गाने में छत्तीसगढ़ के संस्कृति की भीनी-भीनी छटा बिखरती नजर आती है. बिना किसी म्यूजिक और वाद्य यंत्र के मोर संग चलव रे…गाने के तर्ज पर रखिया बरी बना लव रे… सुनकर आप भी कह उठेंगे वाह क्या बात है.

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जब छत्तीसगढ़ के संस्कार और संस्कृति को लोगों तक पहुँचाने नई पीढ़ी सामने नहीं आ रही है. ऐसे मौजूदा समय में पीताम्बर साहू जैसे किसान ने जिमी कांदा गुनगुनाया. एक किसान ने जो गुनगुनाया आज सब गुनगुना रहे हैं. अब फिर एक कोई गुमनाम किसान हैं जिसने रखिया बरी गुनगुनाया है. क्या पता इस गुमनाम किसान की कल पहचान हो जाये. और उससे बड़ी बात कि ये उसके गाये हुए गाने रखिया बरी आपको भी पसंद आ जाये. वैसे रखिया बरी छत्तीसगढ़ की संस्कृति तो है ही. इस पर गाने लिखा जाना नई पीढ़ी के लिए मिसाल है.