इमरान खान, खंडवा। खंडवा लोकसभा उपचुनाव के आखिरी दिनों में कांग्रेस विधायक के जाने के बाद कांग्रेस को कितना नुकसान होगा और भाजपा को कितना फायदा होगा यह तो आने वाले दिनों के मतगणना के दिन ही पता चलेगा। लेकिन दोनों ही राजनीतिक दल की गुर्जर वोटरों पर नजर है।
इसका उदाहरण हम इस बात से भी लगा सकते हैं कि एक तरफ गुर्जर वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस 27 तारीख से राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को मैदान में उतार रहे है। लेकिन सचिन पायलट की मध्यप्रदेश के उपचुनावों में एंट्री से पहले ही गुर्जर वोटरों को साधने के लिए भाजपा ने बड़वाह से विधायक सचिन बिरला को अपने पाले में ले लिया।
सचिन बिरला गुर्जर समाज से आते हैं और उनका समाज में काफी पकड़ रही है। यही कारण है कि वह बड़वाह से विधायक है, सचिन बिरला गुर्जर वोटरों का काफी दबदबा है। लेकिन अब सचिन बिरला के कांग्रेस को अलविदा कहने के बाद अब गुर्जर वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस ने अपना पूरा फोकस सचिन पायलट की सभा को सफल बनाने में लगा दिया है।
दूसरी तरफ भाजपा भी जल्द से जल्द बड़वाह विधायक सचिन बिरला को खण्डवा लोकसभा उपचुनाव के मैदान में उतार कर गुर्जर वोटरों का फोकस करेगी। अब आने वाला समय तय करेगा कि गुजर वोटर कांग्रेस के पाले में खेलते हैं या भाजपा को अपना आशीर्वाद देते हैं।
खण्डवा लोकसभा के तीन विस में गुर्जरों का दबदबा
खण्डवा लोकसभा में 8 विधानसभा आती है, जिसमें बड़वाह, मांधाता और खण्डवा में गुर्जर वोटर का काफी दबदबा है और दोनों ही राजनीतिक दल गुर्जर वोटरों को साधने के लिए अपना दमखम लगा रहे है, इसीलिए कांग्रेस 27 तारीख को पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सभा करेंगे तो ही भाजपा सचिन बिरला के सहारे मैदान में उतरेंगे