नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय में एक बार फिर से उच्च मेरिट सूची में कुछ कड़े नियम और शर्तों के साथ मंगलवार से प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है. इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक विशेष कट ऑफ के माध्यम से छात्रों को दाखिला दिया जाएगा. यह प्रक्रिया उन छात्रों के लिए है, जो पहली, दूसरी, तीसरी कट ऑफ के आधार पर दाखिला लेने के लिए योग्य तो थे, लेकिन किन्हीं कारणों से प्रवेश नहीं ले सके. दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विकास गुप्ता के मुताबिक, जारी की गई स्पेशल कट ऑफ लिस्ट के आधार पर दाखिले के लिए 26 अक्टूबर सुबह 10 बजे से 27 अक्टूबर मध्य रात्रि तक आवेदन किया जा सकेगा. रजिस्ट्रार के मुताबिक विभिन्न कॉलेज 28 अक्टूबर तक योग्य आवेदनों को दाखिले की मंजूरी देंगे. फीस का भुगतान 29 अक्टूबर तक किया जा सकता है.
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दिल्ली विश्वविद्यालय ने स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में इकोनामिक्स के लिए 98.25, बीकॉम ऑनर्स के लिए 98.75 और हिस्ट्री के लिए 98.25 फीसदी अंक तय किए हैं. गौरतलब है कि स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में सामान्य वर्ग के मुकाबले आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए अधिक अवसर है. दिल्ली विश्वविद्यालय की स्पेशल कट ऑफ लिस्ट में अधिकांश कॉलेजों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 96 से 99 फीसदी तक अंक प्रतिशत की मांग की गई है.
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दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट कोर्स के लिए 70 हजार सीटें हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय ने इन 70 हजार सीटों पर दाखिले के लिए अभी तक तीन कट-ऑफ लिस्ट जारी की हैं. तीनों कट-ऑफ के आधार पर अब तक कुल 1,70,186 छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया है. इनमें से 58,000 छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में दाखिला मिल चुका है. विशेष कट-ऑफ रिक्त सीटों की उपलब्धता के आधार कालेजों द्वारा तय की गई है. विशेष कट-ऑफ के तहत आवेदन करने की गारंटी नहीं है. यदि कोई उम्मीदवार आवेदन करने या भुगतान करने में विफल रहता है, तो किसी भी शिकायत पर विचार नहीं किया जाएगा.
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गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में पिछले वर्षों के तुलना में कट ऑफ लिस्ट में अनियमित उछाल देखी गई. परिणामस्वरूप पहली कट ऑफ लिस्ट में 99 प्रतिशत अंक पाने वाले छात्र भी हिंदू, हंसराज, रामजस जैसे देश के प्रतिष्ठ महाविद्यालयों के कई पाठ्यक्रमों में दाखिले से वंचित रह गए.
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