ड्रग्स केस में गिरफ्तार शाहरूख खान के बेटे आर्यन खान को जेल से रिहा करवाने के लिए शाहरूख ने वकीलों की फौज खड़ी कर दी है. अब आर्यन का केस कोर्ट में लडने वाले देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और नरेंद्र मोदी के मुख्य सलाहकार रह चुके मुकुल रोहतगी लड़ रहे है. बंबई उच्च न्यायालय आज इस पूरे मामले में अहम फैसला आने की उम्मीद है.
जाने कौन है मुकुल रोहतगी मुकुल रोहतगी भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल (एजीआई). 66 साल के रोहतगी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं और पहले एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (एएसजीआई) भी रह चुके हैं. एजीआई के पद पर वह भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 2014 से लेकर 2017 तक रहे. इस केस में वह आर्यन खान के वकीलों सतीश मानशिंदे और अमित देसाई की टीम की अगुवाई कर रहे हैं.
इन बड़े केसों की पैरवी कर चुके हैं रोहतगी
- मुकुल रोहतगी अदालत में जिन बड़े और चर्चित मुकदमों की पैरवी कर चुके हैं, उनमें 2002 का गुजरात दंगा केस भी शामिल है और वह गुजरात सरकार की ओर से दलीलें रख चुके हैं.
- एएसजी रहते हुए उन्होंने नेशनल जुडिशियल अपॉइंटमेंट कमीशन में भी सरकार का पक्ष रख चुके हैं, जिसमें सर्वोच्च अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था.
- सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की मौत से जुड़े हाई-प्रोफाइल केस में भी उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने स्पेशल प्रोसेक्यूटर नियुक्त किया गया था. इस केस में उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने 1.20 करोड़ रुपये बतौर फीस दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मौत की जांच की मांग खारिज कर दी थी और रोहतगी ने अदालत के फैसले का स्वागत किया था.
- मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस थे.
- रोहतगी ने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज मुंबई से लॉ किया है और शुरू में योगेश कुमार सभरवाल के साथ दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस भी की थी, जो बाद में 36वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने.
- बाद में रोहतगी ने अपनी अलग से कानूनी प्रैक्टिस शुरू की. 1993 में वह दिल्ली हाई कोर्ट में सीनियर काउंसल बने और 1999 में एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया के पद पर नियुक्त किए गए. इनकी पत्नी वसुधा रोहतगी भी वकील हैं.
आर्यन खान के पक्ष में उन्होंने कोर्ट में रखी है ये दलील
- कोर्ट में रोहतगी ने कहा कि आर्यन के नशा करने का कोई साक्ष्य नहीं है. मादक पदार्थ जब्त नहीं हुआ और तथाकथित षड्यंत्र तथा उकसाने में उनकी संलिप्तता के कोई साक्ष्य नहीं हैं, जैसा कि एनसीबी ने आरोप लगाया है. तो फिर आर्यन 20 दिन से जेल में क्यों है.
- रोहतगी ने कहा कि जहां तक एनडीपीएस का सवाल है, हमने मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. क्योंकि ये अधिकारी हैं पुलिस नहीं. मैं तूफान सिंह केस में कोर्ट के फैसले का जिक्र करूंगा. जस्टिस नरीमन कोर्ट में कहते हैं कि एनडीपीएस अधिकारी जो बयान दर्ज करता है, वह अदालत में स्वीकार्य नहीं है.
- रोहतगी ने कहा कि मैंने मजिस्ट्रेट का रुख किया, उन्होंने कहा कि जमानत उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जाएं. फिर हम जिला अदालत चले गए. जिसे खारिज कर दिया गया. मेरे खिलाफ यह तर्क दिया गया कि आप अरबाज मर्चेंट के साथ आए थे, इसलिए आपके पास कॉन्शस पजेशन था. वो कहते हैं कि यह मुझे पता था. उनके पास मेरे खलिाफ कुछ नहीं है. इसलिए वो ऐसी बातें कर रहे हैं. किसी के पास उसके जूते में क्या है, यह मेरी समस्या नहीं है. उन्होंने कहा कि जो बरामद हुआ, वह छह ग्राम की छोटी मात्रा है. यह कोई कर्मशयिल मात्रा नहीं है.
- रोहतगी ने कहा कि एनसीबी पुरानी चैट का जिक्र कर रही है और उसी के आधार पर कह रही है कि आर्यन का कुछ लोगों से लेना-देना है. मैं जब बाहर था तो इसको भी अंतरराष्ट्रीय लिंक बताया जा रहा था. यह बहुत छोटा सा मामला है और आर्यन के पिता की वजह से इस मामले को इतना हाइलाइट कर दिया गया.
- रोहतगी ने बेंच से कहा कि मुझे विटनेस नंबर 1 और 2 यानी प्रभाकर सैल और केपी गोसावी से कोई मतलब नहीं है, न ही मैं उन्हें जानता हूं. रोहतगी ने कहा कि ये नए लड़के हैं. उन्हें सुधार गृह में भेजा जा सकता है. उन पर मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए. सरकार सुधार के बारे में बात कर रही है.
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