किसान भाइयों के लिए गर्व की बात है कि खेती और बागवानी के क्षेत्र में प्रगतिशील किसान प्रेमचंद शर्मा को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है.

हमारे समाज में अगर पुरस्कार की बात करें तो हर किसी को इसकी लालसा होती है. चाहे वो बच्चे हों या बुजुर्ग पुरस्कार पाना हर कोई चाहता है. काम को करने और उसे सफलता पूर्वक अंजाम तक पहुंचाने के लिए की जा रही मेहनत का इनाम अगर पद्मश्री पुरस्कार मिल जाए तो बात ही अलग है. स्कूल, कॉलेज के पुरस्कार से लेकर पद्मश्री पुरस्कार तक का सफर किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद गौरवान्वित करने वाला होता है. ऐसी ही कुछ दिलचस्प कहानी उत्तराखंड के प्रेमचंद शर्मा की है. खेती और बागवानी के क्षेत्र में सफल और प्रगतिशील किसान प्रेमचंद शर्मा को पद्मश्री 2020 से सम्मानित किया गया.

आमतौर पर खेती-बाड़ी और बागवानी को आज भी लोग उतनी गंभीरता से नहीं लेते हैं. ऐसे में बागवानी के क्षेत्र में पद्मश्री पुरस्कार हासिल करना वाकई में काबिले तारीफ है.

प्रेमचंद शर्मा को मिल चुके कई पुरस्कार…..

प्रेमचंद वर्ष 1984 से 1989 तक सैंज-अटाल ग्राम पंचायत के उप प्रधान और वर्ष 1989 से 1998 तक प्रधान रहे. प्रगतिशील किसान प्रेम चंद शर्मा को मिल चुके हैं. ये पुरस्कार वर्ष 2012 में उत्तराखंड सरकार की ओर से किसान भूषण, वर्ष 2014 में इंडियन एसोसिएशन ऑफ सॉयल एंड वॉटर कंजर्वेशन की तरफ से किसान सम्मान, भारतीय कृषि अनुसंधान की ओर से किसान सम्मान, वर्ष 2015 में कृषक सम्राट सम्मान, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान से विशेष उपलब्धि सम्मान, वर्ष 2015 में गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से प्रगतिशील कृषि सम्मान, वर्ष 2016 में स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से उत्तराखंड विस्मृत नायक सम्मान, वर्ष 2018 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की तरफ से जगजीवन राम किसान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

पद्मश्री प्राप्त करने वाले प्रेमचंद शर्मा के के पुत्र अमर चंद शर्मा पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर है और उनकी तैनाती हरिद्वार जिले में है पिता को पद्मश्री मिलने के बाद उनके पुत्र को भी काफी लोगों ने शुभकामनाएं प्रेषित की. पिछले दिनों उन्हें भी गृह मंत्री अवार्ड से सम्मानित किया गया था.