भोपाल। राजनीति से छुट्टी लेकर धार्मिक यात्रा पर नर्मदा की परिक्रमा करने निकले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह ने करीब 110 दिनों की यात्रा पूरी कर ली है. कांग्रेस महासचिव मध्य प्रदेश से गुजरात जाकर नर्मदा परिक्रमा करते हुए आए हैं. आज उनकी यात्रा सीहोर जिले से शुरू हुई. सीहोर के रहटी तहसील में स्थित है मट्ठा गांव, जहां से दिग्विजय सिंह की यात्रा शुरू हुई.
वहीं यात्रा सीहोर के आंवली घाट तक जाएगी. जहां आज शाम को वे मां नर्मदा की आरती करेंगे. इसके बाद वे रात्रि विश्राम करेंगे. दिग्विजय सिंह के साथ पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल, पूर्व मेयर विभा पटेल, पूर्व सांसद नारायण सिंह और रामेश्वर भी मौजूद हैं.
बता दें कि दिग्विजय की नर्मदा यात्रा में अब तक कई साधु-संत और दिग्गज कांग्रेसी नेता भी शामिल हो चुके हैं. उनकी यात्रा में छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव, पूर्व मंत्री विक्रम वर्मा, शरद यादव भी शामिल हो चुके हैं. टी एस सिंहदेव इस यात्रा में तब शामिल हुए थे, जब उनकी यात्रा खरगोन जिले में पहुंची थी.
30 सितंबर को शुरू हुई थी दिग्गी की नर्मदा यात्रा
नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट से 30 सितंबर 2017 को ये यात्रा शुरू हुई ती. मां नर्मदा की ये परिक्रमा यात्रा वहीं पर पूरी भी होगी. पत्नी अमृता सिंह भी उनकी यात्रा में साथ-साथ रहती हैं. बताया जा रहा है कि अमृता नर्मदा यात्रा पर एक किताब भी लिख रही हैं, जो यात्रा पूरी होने पर पब्लिश होगी. यात्रा में बीच-बीच में उनके भाई और बेटे भी शामिल होते रहे हैं.
बता दें कि नर्मदा यात्रा के बाद दिग्विजय सिंह प्रदेश की यात्रा भी करने वाले हैं. दिग्गी की इस यात्रा के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं.
दिग्गी ने यात्रा के लिए कांग्रेस से ली है 6 महीने की छुट्टी
दिग्विजय ने नर्मदा परिक्रमा करने के लिए कांग्रेस से 6 महीने की छुट्टी ली है. इस यात्रा में भी 6 महीने का समय लगना है, जिस दौरान दिग्विजय और उनकी पत्नी अमृता 3300 किलोमीटर से भी ज्यादा का सफर तय करेंगे. आम तौर पर रोज़ाना दिग्गी 15 से 20 किलोमीटर तक पदयात्रा करते हैं.
नर्मदा यात्रा के दौरान पड़ने वाले सारे त्योहार भी दिग्विजय नर्मदा तट पर ही मना रहे हैं. उन्होंने दीवाली भी नर्मदा तट पर ही मनाई थी. होली भी नर्मदा किनारे ही मनाएंगे. करवा चौथ का त्योहार भी अमृता ने नर्मदा तट पर ही मनाया था.