प्रतीक चौहान. रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार प्रदेश के सभी कार्डियोथोरेसिक  वैस्कुलर सर्जन एवम कार्डियक एनेस्थेटिस्ट का प्रथम सम्मेलन 13 नवंबर रविवार को  हुआ. जिसमें प्रदेश के करीब-करीब 32  कार्डियक सर्जन एवं कार्डियक एनेस्थेटिस्ट ने हिस्सा लिया. इस सम्मेलन में विभिन्न डॉक्टरों द्वारा भिन्न-भिन्न विषय पर व्याख्यान दिया गया.

डॉक्टर पीके हरिकुमार जो कि एनएचएमएमआई के सीनियर हार्ट सर्जन हैं, ने बच्चों में होने वाले हृदय वॉल्व से संबंधित बीमारी में वॉल्व के रिपेयर के विभिन्न एवम नए तरीकों को बताया. डॉ अतुल प्रभु जोकि श्री सत्य साईं संजीवनी हॉस्पिटल नया रायपुर के प्रमुख पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजिस्ट हैं उन्होंने बच्चों के जन्मजात हृदय रोग के डायग्नोसिस और उसके विभिन्न प्रकार के  उपचार के बारे में बताया. डॉ विनोद आहूजा जोकि रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में सीनियर कार्डियक सर्जन है, उन्होंने बाईपास सर्जरी में टोटल अर्टिरियल बायपास सर्जरी के बारे में विस्तृत जानकारी दी.

डॉ निशांत सिंह चंदेल जोकि मेडिकल कॉलेज रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में एसोसिएट प्रोफेसर हैं उन्होंने  Bental (बेन्टाल) सर्जरी के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया.

इस सम्मेलन में मेडिकल कॉलेज रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट से, एम्स रायपुर से, एनएच एमएमआई रायपुर, श्री सत्य साईं बाल हृदय रोग केंद्र नया रायपुर, रामकृष्ण केयर रायपुर, बालाजी हॉस्पिटल रायपुर, नारायणा हॉस्पिटल रायपुर समेत अन्य अस्पतालों के कार्डियोथोरेसिक सर्जन एवं कार्डियक  निश्चेतना विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया.

पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के हार्ट, चेस्ट एंड वैस्कुलर सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉक्टर कृष्णकांत साहू को इस एसोसिएशन का प्रेसीडेंट बनाया गया, वहीं डॉ अरुण अंडप्पन को जनरल सेक्रेटरी बनाया गया.

डॉक्टर पीके हरी कुमार को वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया. डॉ नितिन कश्यप, जोकि एम्स रायपुर के हार्ट सर्जरी के विभागाध्यक्ष   हैं, को एकेडमिक सेक्रेटरी बनाया गया एवं डॉ प्रीतम साहनी जोकि एम्स रायपुर में कार्डियक सर्जरी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है उनको ट्रेजरर (कोषाध्यक्ष) बनाया गया. डॉ रंजन सेनगुप्ता को एसोसिएशन का  संरक्षक (Patron) बनाया गया.

इस एसोसिएशन का मुख्य उद्देश्य आपस में नॉलेज शेयर करना एवं समय के साथ हो रहे विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन के नए नए तरीकों को आपस में साझा करना है, जिसका ज्यादा से ज्यादा लाभ ह्रदय रोगियों को मिल सके. क्योंकि समय के अनुसार हृदय के ऑपरेशन के बहुत सारे तरीके बदले हैं और उस में बहुत सुधार हुआ है. बहुत सारी नई नई मशीनों का आविष्कार हुआ है जो हृदय के मरीजों के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है. इस एसोसिएशन की ऐसी सेमिनार(CME) एवं बैठक प्रत्येक 2 से 3 महीने में आयोजित की जाएगी जिससे डॉक्टरों में नए-नए विभिन्न उपचार प्रणालियों के विषय में चर्चा होगी.