कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। केंद्र सरकार की अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन योजना (Early Childhood Children Education) के मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच (Gwalior Bench of Madhya Pradesh High Court) में मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। सरकार ने कहा कि वह जल्द ही पूरे मध्यप्रदेश में योजना को पूरी तरह से लागू कर पाने के लिए नियुक्तियां करने वाली है। वहीं इस मामले पर याचिकाकर्ता के तर्कों के बाद हाइकोर्ट (high court)  ने मामले की अगली सुनवाई पर विस्तृत दिशा निर्देश जारी करने की बात कही।

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दरअसल अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन योजना के तहत 3-6 वर्ष के आयु के बच्चों के विकास, एजुकेशन के नाम पर केंद्र सरकार (central government)  बजट देती है। ये बजट महिला बाल विकास के पास रहता है। लेकिन याचिकाकर्ता उमेश बोहरे का याचिका में आरोप था कि मध्य प्रदेश में केंद्र सरकार की अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन योजना को बंद कर दिया है। साथ ही इस योजना का बजट दूसरी योजनाओं में खर्च किया जा रहा है। इस पर सरकार के द्वारा जबाब पेश कर दिया गया है।

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सरकार ने कहा कि वह जल्द ही पूरे मध्यप्रदेश में योजना को पूरी तरह से लागू कर पाने के लिए नियुक्तियां करने वाली है। वहीं इस मामले पर याचिकाकर्ता के तर्कों के बाद हाइकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई पर विस्तृत दिशा निर्देश जारी करने की बात कही।