रायपुर. कृषि कानून वापस लिए जाने पर छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है. सीएम भूपेश बघेल के अहंकार टूटने वाले बयान पर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, कहा कि प्रधानमंत्री का पद इतना बड़ा पद है कि अहंकार टूटने जैसे बयानों का कोई मतलब नहीं है. आज कांग्रेस का भ्रम ज़रूर टूट गया है.

कृषि कानून वापस लिए जाने के बाद सांसद सुनील सोनी ने कहा कि अहंकारी व्यक्ति कभी क्षमा नहीं मांगता. लोगों की भावनाओं को समझना नेतृत्व का काम होता है. प्रधानमंत्री ने इसे बखूबी समझा.

 जाने कृषि कानून वापस पर और क्या कहा बृजमोहन अग्रवाल ने

  • ये फ़ैसला ऐतिहासिक है. प्रकाश पर्व पर प्रधानमंत्री ने ये निर्णय लेकर बता दिया कि देश के गौरव है, उनका संदेश है कि हमारे कामों से सभी वर्ग खुश रहे.
  • ये ना किसी की जीत है और ना किसी की हार है. देश का सर्वोच्च पद में बैठकर मोदी जी ने इस फ़ैसले के ज़रिए बता दिया कि वह देश की जनता के प्रथम सेवक हैं. सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं.
  • मोदी ने फसल बीमा योजना लागू किया, मिट्टी परीक्षण की योजना लागू की, किसानों को ऋण देने का काम किया, एमएसपी पर सबसे ज़्यादा उपज मोदी सरकार में ख़रीदी गई है. कांग्रेस इन सब सवालों का जवाब दे. कांग्रेस सिर्फ़ राजनीतिक रोटी सेंकना जानती है.

जाने क्या कहा सांसद सुनील सोनी ने

  • ये फ़ैसला वोट के आधार पर नहीं, भावनाओं के आधार पर लिया गया है. देश में कोई असंतुष्ट ना हो. पंजाब और यूपी जैसे राज्यों के किसान भी अब ये समझेंगे कि बीजेपी यदि कुछ कहती है तो उसे पूरा करती है. बीजेपी जनता की भावनाओं को समझती है, ज़ाहिर है इसका लाभ मिलेगा.
  • प्रधानमंत्री ने देश में सभी किसानों को एकमत करने का पूरा प्रयास किया. पर्याप्त समय किसानों को समझाने में दिया. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के साथ यह प्रयास लगातार जारी रहा. लेकिन कुछ किसानों को मनाने में सफल नहीं हुए.
  • प्रधानमंत्री ने ये हमेशा कहा है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास यही नया भारत बनाएगा. सर्वहित में सभी किसानों को ध्यान रखकर ये बड़ा फ़ैसला लिया.
  • देश में छोटा वर्ग हो या बड़ा वर्ग सभी संतुष्ट रहे इसलिए ये फ़ैसला लिया गया. ये मुंडीतंत्र के आधार पर नहीं लोकतंत्र के आधार और इस भावनाओं को देखते हुए ये फ़ैसला लिया गया.
  • ये अहंकार है कि जुगनू से किसानों की तुलना की जा रही है. इसे लेकर अब कोई अपनी सफलता कहे तो कोई बात नहीं.