रायपुर. बीते दिनों अपने पति के शव को ठेले पर रखकर ले जाने मजबूर पीड़िता मधु शर्मा की दर्द से आप वाकिफ तो होंगे ही. मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना राजधानी की है. पीड़िता का आरोप है कि एम्स, पुलिस, प्रशासन, कई जगह पीड़िता के दर्द का मजाक बनाया गया.
27 वर्षीय पीड़िता मधु शर्मा ने अपने पति जिससे वह लव मैरिज की थी. उसकी एम्स जैसे बड़े अस्पताल प्रबंधन में कर्ज लेकर इलाज करा रही थी. इलाज के दौरान महज 30 साल की अल्पायु में जब पति की मौत हो गई उसे शव को घर ले जाने एक एम्बुलेंस तक मुहैया नहीं हुआ. ऐसा एम्स किस काम का है, इसकी चर्चा कभी और कर लेंगे. लिहाजा पीड़िता ने शव को खुद एक ठेले में रखकर ढोते हुए हीरापुर के फैक्ट्री पहुंची. मौत फैक्ट्री की लापरवाही से हुई है यह आरोप पीड़िता ने ख़ुद लगाया है. पीड़िता का कहना है कि जब फैक्ट्री मालिक के पास शव लेकर पहुंची तब मालिक जमकर लताड़ लगाई. पुलिस के एक अधिकारी ने भी ठेले पर शव ले जाने की घटना को बेहद वाहियात बताया और पीड़िता का ही मजाक उड़ाया.
बहुत कम उम्र में विधवा हो चुकी पीड़िता की चार साल की एक बेटी है. जिसकी परवरिश की चिंता उसे अभी से सताने लगी है. वहीँ पीड़िता का आरोप है कि हीरापुर के फैक्ट्री मालिक ने कोई हर्जाना नहीं दिया है. पीड़ित महिला के पास कर्ज लिए दो लाख रुपयों की हर महीने क़िस्त भरने की चुनौती है. वहीँ पति के दाह संस्कार के समय कुल पाँच लोग पहुंचे थे. मुखाग्नि उसकी चार साल की बेटी ने दी.