नई दिल्ली। पाकिस्तान और भारत के रिश्तों में मिठास घोलने के लिए आए दिन कई प्रयास किए जाते रहे हैं. इन प्रयासों के बीच पाकिस्तान से करीब 70 जायरीनों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली के निजामुद्दीन दरगाह पहुंचा और मजार पर चादर चढ़ाई. दरअसल हजरत ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया का 718वां उर्स मनाया जा रहा है, जिसमें ये करीब 4 सालों बाद शामिल होने पहुंचे हैं. सभी प्रतिनिधिमंडल को भारत सरकार ने वीजा जारी किया है.
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दोनों देशों के रिश्तों में उतार-चढ़ाव और कोरोना महामारी के कारण इतने सालों बाद यह प्रतिनिधिमंडल इस उर्स में शामिल हुआ, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने भी ऐतिहासिक करतारपुर गुरुद्वारा जाने के लिए भारतीय श्रद्धालुओं को अनुमति दी हुई है. निजामुद्दीन दरगाह के मौलानाओं के मुताबिक,1947 के बाद से ही यह प्रतिनिधिमंडल दरगाह के उर्स में शामिल होने आता रहा है. हालांकि बीच में रिश्तों में कड़वाहट आने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका, लेकिन इस वर्ष फिर से पाकिस्तानी नागरिक दरगाह पर आए, दुआ मांगी और चादर चढ़ाई गई.
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जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल करीब आधा घंटे तक दरगाह में रुके और वापस चले गए. हालांकि 24 तारीख की सुबह को एक बार फिर उम्मीद है कि यह सभी आएंगे और दुआ करेंगे, क्योंकि 24 की शाम को सभी को वापस पाकिस्तान जाना है. दरगाह का यह उर्स 22 नवंबर से 26 नवंबर तक चलेगा और इस बार उर्स को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस उर्स में कव्वाली की महफिल जमेगी.
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